मानसून की वर्षा प्रदेशभर में जोर पकड़ने लगी है। मंगलवार को समूचे कुमांऊ मंडल में कहीं-कहीं भारी से अत्यंत भारी वर्षा को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान नैनीताल, बागेश्वर, चंपावत, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ एवं ऊधमसिंह नगर में कहीं-कहीं भारी से अत्यंत भारी वर्षा हो सकती है। वहीं, गढ़वाल मंडल के देहरादून, पौड़ी और टिहरी, हरिद्वार में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान है।
इसको लेकर चारों जनपदों में आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। सोमवार तड़के देहरादून जनपद के पर्वतीय क्षेत्रों के अलावा गढ़वाल और कुमाऊं के कई हिस्सों में भारी वर्षा हुई। पिछले 12 घंटे में बागेश्वर जनपद के सामा में सर्वाधिक 222 मिमी वर्षा हुई। इसके अलावा लोहाघाट में 176.3 मिमी, नैनीताल में 145.2 मिमी, पौड़ी के रिखड़ीखाल में 145 मिमी व हरिद्वार के रोशनाबाद में 96.2 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई।
देहरादून से टिहरी को जोड़ने वाला मालदेवता-सेरकी गांव मार्ग मलबा आने से सुबह नौ बजे से अवरुद्ध है। बीती रात चमोली और रुद्रप्रयाग जनपदों में भारी वर्षा होने से कई मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। मौसम का मिजाज बदलने से तापमान में तीन से पांच डिग्री सेल्सियस की कमी दर्ज की गई है।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि मंगलवार से कुमाऊं के लगभग सभी जनपदों में भारी से अत्यंत भारी वर्षा हो सकती है। जिसके अगले तीन दिन तक जारी रहने का अनुमान है। इस दौरान गढ़वाल मंडल के दून सहित चार जनपदों में आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। यह वर्षा मानसून के उत्तराखंड में सक्रिय होने के बाद पहली बार सामान्य से अधिक हो सकती है। पांच व छह जुलाई को कम वर्षा हो सकती है।
नैनीताल में बादल फटा
सरोवर नगरी में रविवार मध्य रात्रि बादल फटने से भीषण पानी बरसा। एक घंटे में 96 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। ब्रिटिशकालीन ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त होने से किसी तरह के जानमाल की क्षति नहीं हुई। मौसम विभाग ने अल्मोड़ा को छोड़ कुमाऊं के पांच जिलों में मंगलवार से तीन दिन के लिए रेड अलर्ट जारी कर लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार रविवार रात 12 बजे अचानक भीषण पानी बरसना शुरू हो गया। वर्षा का वेग इतना तीव्र था कि नाले उफान पर आ गए और सड़कें जलमग्न हो गई। हल्द्वानी मार्ग, कालाढूंगी व भवाली मार्ग में कई स्थानों में मलबा आ गया। इसकी वजह से सुबह करीब दो घंटे हल्द्वानी-नैनीताल व कालाढूंगी-नैनीताल मार्ग करीब दो घंटे बाधित रहा। मूसलधार बारिश से एक ही रात में झील के जलस्तर में एक फीट की वृद्धि दर्ज की गई। संवेदनशील क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को रात के समय अधिक सावधानी बरतने की अपील की गई है।