प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में सरकार कदम बढ़ा रही है। इसकी नियमावली बनाने के लिए गठित समिति ने तीन उप समितियों का गठन किया है। ये समितियां नियमों की रूपरेखा तैयार करने, नियमों के क्रियान्वयन में सुगमता और पारदर्शिता लाने और क्षमता विकास व प्रशिक्षण का कार्य कर रही हैं।
ये तीनों उप समितियां 31 अगस्त से लेकर 30 सितंबर के बीच अपनी रिपोर्ट पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिन्हा की अध्यक्षता में गठित समिति को सौपेंगी। इसके बाद समिति इन सभी रिपोर्ट का संकलन कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपेगी।
तैयारियों को लेकर सचिवालय में ली बैठक
सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता को लागू करने की तैयारियों को लेकर सचिवालय में बैठक की। उन्होंने कहा कि इसके अधीन संचालित होने वाली सभी तरह की प्रक्रिया को समयबद्धता के साथ अंतिम रूप दिया जाए।
संहिता के प्रविधानों को व्यवस्थित रूप से संपादित करने के लिए गठित उप समितियों के कार्यों एवं विभिन्न विभागों के स्तर पर की जाने वाली कार्यवाही को भी अंतिम रूप दिया जाए। संहिता के बारे में व्यापक स्तर पर जन जागरूकता लाई जाए। इसके लिए संबंधित विभाग समन्वय से कार्य करें।
समिति के अध्यक्ष व पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने बताया कि समान नागरिक संहिता के प्रविधानों को अंतिम रूप देने के लिए तीन उप समितियों का गठन किया गया है। नियमों की रूपरेखा तय करने के लिए गठित उप समिति की 43 बैठकें हो चुकी हैं। यह उप समिति 31 अगस्त तक समिति को अपनी रिपोर्ट सौंप देगी।
31 अगस्त तक अपनी रिपोर्ट देगी उप समिति
नियमों के क्रियान्वयन में सुगमता और पारदर्शिता के लिए गठित उप समिति की 20 बैठकें हो चुकी हैं। यह उप समिति 31 अगस्त तक अपनी रिपोर्ट देगी। क्षमता विकास और प्रशिक्षण के लिए बनाई गई उप समिति भी 30 सितंबर तक अपनी रिपोर्ट देगी। बताया गया कि इसके प्रविधानों को लागू करने के लिए विभिन्न विभागों को जिम्मेदारी दी गई है।
बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बद्र्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, प्रमुख सचिव न्याय प्रदीप पंत, डीजीपी अभिनव कुमार के साथ ही विभिन्न विभागों के सचिव समिति के सदस्य उपस्थित थे।
अक्टूबर अंत तक ही हो पाएगा रिपोर्ट का कार्य पूरा
समान नागरिक संहिता की नियमावली व इसके क्रियान्वयन के लिए गठित समिति अक्टूबर अंत तक ही सरकार को रिपोर्ट सौंप पाएगी। कारण यह कि उप समितियां 30 सितंबर तक समिति को अपनी रिपोर्ट देगी। इसके बाद इन रिपोर्ट का विधिक परीक्षण किया जाएगा। यह देखा जाएगा कि सब कुछ विधिसम्मत हो।
इसके साथ ही संहिता को लागू करने के लिए कार्मिकों को भी प्रशिक्षण दिए जाने के संबंध में कार्य किया जाना है। इसके लिए आनलाइन व्यवस्था बनानी है। ऐेसे में समिति को इन सभी कार्यों के लिए 20 से 25 दिन का समय चाहिए। ऐसे में माना जा रहा है कि अक्टूबर अंत तक ही समिति फाइनल रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी।