उत्तराखंड दैनिक समाचार: ब्यूरो
वानिकी एवं प्राकृतिक संसाधन विभाग के छात्र-छात्राओं द्वारा जिसमें बी०एस०सी० के करीब 40 छात्रों ने अपने शोध केंद्र जो कि 2013 की आपदा से प्रभावित लगभग 1 हेक्टेयर भुभाग में 2000 से अधिक मिश्रित वृक्ष प्रजातियों का वृक्षारोपण प्रो० अजीत नेगी व प्रो० डी० एस० चौहान के निर्देशन में किया गया। इस वृक्षारोपण की यह विशेषता थी कि यह विभाग द्वारा संचालित कोर कोर्स फील्ड टूर / टेकनीक के अन्तर्गत किया गया जोकि बी०एस०सी० द्वितीय व तृतीय वर्षों के वानिकी छात्रों के लिये आवश्यक है। इस वर्ष विभाग ने यह निर्णय लिया कि टूर की जगह विभाग के छात्रों को प्लांटेशन तकनीक के बारे में पूरी जानकारी वृक्षारोपण करते हुए उनका कौशल विकास करेंगे जो कि भारत सरकार नयी शिक्षा निति 2020 की मूलभावना है। इस कार्यक्रम में उनको चारा पत्ती, मृदा संरक्षण, वन्य जीवन, बायोफैन्सिंग, औषधीय वृक्ष शुष्क क्षेत्र, पंक्षीयों के लिये आवास व भोजन, जैव विविधता मे उपयोग किये जाने वाले पौधों की रोपण तकनीक, उपकरण, प्रबंधन व पौधरोपण करते समय आने वाली समस्या व निराकरण के बारे में जानकारी देते हुए यह मिश्रित वृक्ष प्रजातियां वृक्षारोपण का कार्य संपन्न किया गया। प्रत्येक छात्र ने 50 से अधिक पौधे रोपित किये।
डा० अजीत नेगी ने बताया कि यह सारे पौधे विभाग छात्रों के सहयोग से विभागीय पौधशाला में तैयार किये गये थे। जिनके बीज वानिकी विभाग द्वारा गढ़वाल के विभिन्न भागों से एकत्रित किये गये थे। इनमें मुख्य मिश्रित प्रजातियों में भलाव, पिन्ना, सिवांली, जंगल-जलेबी, रामवांस, हरड़, वहेड़ा, आँवला, मणिपूरी बाँज व शीशम प्रमुख थी ।
इस कार्यक्रम को विभाग के शोध छात्रों शुभम, धर्मेंद्र, प्रिया, मनीतम्बी, लक्षमण, अतुल, हरीश, जितेन्द्र व कर्मचारी उमेश नौटियाल, दिनेश राज, नवनीत भण्डारी व हरीश राजभर का विशेष सहयोग रहा।