करीब पांच दिन की राहत के बाद उत्तराखंड में जंगल की आग की एक और नई घटना दर्ज की गई। मौसम की मेहरबानी से पांच दिनों से प्रदेश में कहीं भी जंगल नहीं जले थे, जिससे वन विभाग को राहत मिली थी।
हालांकि, सोमवार को कालसी वन प्रभाग में लगी आग को शाम तक नियंत्रित कर लिया गया। जिसमें एक हेक्टेयर से कम वन क्षेत्र प्रभावित हुआ। फायर सीजन में अब तक कुल 1064 घटना में 1439 हेक्टेयर वन क्षेत्र जल चुका है।
एक बार फिर प्रदेश के जंगलों में आग का खतरा
मौसम शुष्क होने के कारण एक बार फिर प्रदेश के जंगलों में आग का खतरा बढ़ गया है। हालांकि, अभी ज्यादातर क्षेत्रों में स्थिति सामान्य बनी हुई है, लेकिन सोमवार को कालसी क्षेत्र में एक घटना दर्ज किए जाने के बाद वन विभाग की चिंता फिर बढ़ गई है।
इससे पहले बीते बुधवार को मौसम के बदले मिजाज से उत्तराखंड को राहत मिली थी। खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में हुई बारिश ने जंगलों की आग बुझा दी थी। मौसम के साथ ही शरारती तत्व भी लगातार वन विभाग की मुश्किलें बढ़ा रहे थे। अब तक इस सीजन में जंगल में आग लगाने पर वन संरक्षण अधिनियम और वन अपराध के तहत 420 मुकदमे दर्ज कराए जा चुके हैं।
वहीं, वन विभाग की ओर से मुख्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। साथ ही जंगल की आग की सूचना देने के लिए नंबर भी जारी किए गए हैं। 18001804141, 01352744558 पर काल कर सकते हैं।
साथ ही 9389337488 व 7668304788 पर वाट्सएप के माध्यम से भी सूचित कर सकते हैं। इसके अलावा राज्य आपदा कंट्रोल रूम देहरादून को भी 9557444486 और हेल्पलाइन 112 पर भी आग की घटना की सूचना दे सकते हैं।
प्रदेश में अब तक जंगल की आग की स्थिति
- क्षेत्र, घटना, प्रभावित क्षेत्र
- गढ़वाल क्षेत्र, 401, 508
- कुमाऊं क्षेत्र, 574, 815
- वन्यजीव आरक्षित, 89, 116
- कुल, 1064, 1439
- (प्रभावित क्षेत्र हेक्टेयर में है।)
- मानव घायल, 04
- मानव मृत्यु, 05
जंगल की आग की रोकथाम के लिए पहली बार मोबाइल क्रू स्टेशन स्थापित
जंगल की आग का दंश झेल रहे उत्तराखंड को बीते कुछ दिनों से राहत है। हालांकि, अब फिर से प्रदेश में मौसम शुष्क हो गया है और आग की घटनाओं की आशंका बढ़ गई है। इसके अलावा प्रदेश में चारधाम यात्रा भी सुचारु है, जिससे वन विभाग अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है।
जंगलों की आग की रोकथाम के लिए प्रदेश में पहली बार मोबाइल क्रू स्टेशन की स्थापना की गई। राजमार्गों पर हर 20 किमी की दूरी पर एक मोबाइल क्रू स्थित रहेगा, जो आग लगने की सूचना पर त्वरित कार्रवाई करेगा। ऐसे कुल 41 क्रू स्टेशन स्थापित किए गए हैं। चारधाम यात्रा और अन्य पर्यटक स्थलों से जुड़े सड़क-संपर्क मार्गों के निकट जंगल की आग की घटनाएं रोकने के लिए वन विभाग ने नया प्रयोग किया।
वन विभाग की ओर से मोबाइल क्रू स्टेशन की स्थापना
राष्ट्रीय राजमार्गों व संबंधित वैकल्पिक मार्गों में वन विभाग की ओर से मोबाइल क्रू स्टेशन की स्थापना की गई है। मोबाइल क्रू स्टेशन को दर्शाते हुए मानचित्र तैयार किया गया, जिसे प्रमुख यात्रा पड़ावों पर भी प्रदर्शित किया जाएगा। इसके अंतर्गत नरेंद्रनगर वन प्रभाग, सिविल सोयम पौड़ी, मसूरी वन प्रभाग, टिहरी वन प्रभाग, उत्तरकाशी वन प्रभाग, अपर यमुना, बड़कोट, रुद्रप्रयाग वन प्रभाग, बदरीनाथ वन प्रभाग, उत्तरकाशी वन प्रभाग, टिहरी डैम द्वितीय वन प्रभाग, केदारनाथ वन प्रभाग, गंगोत्री राष्ट्रीय पार्क व नंदादेवी राष्ट्रीय पार्क कुल 41 मोबाइल क्रू स्टेशनों की स्थापना की गई है।
प्रत्येक मोबाइल क्रू स्टेशन के लिए वन आरक्षी-वन दारोगा स्तर के कर्मचारी को इंचार्ज, चार फायर वाचर व एक वाहन चालक तैनात किया गया है। चारधाम यात्रा मार्गों पर पोस्टर-बैनर से किया जाएगा जागरूक जंगल की आग की रोकथाम को लेकर वन विभाग की ओर से पोस्टर-बैनरों के माध्यम से जागरूक किया जाएगा।
चारधाम यात्रा मार्ग पर स्थित बस-टैक्सी स्टैंड पर वाहन चालक-परिचालक से समन्वय स्थापित कर जागरूक किया जाएगा। साथ ही इन मार्गों पर जंगल की आग की रोकथाम की अपील पोस्टर-बैनर व क्रू टीम लीडर, रेंज अधिकारी, मास्टर कंट्रोल रूम व प्रभारी का नाम व नंबर उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही चारधाम मार्ग पर स्थित होटल, ढाबों, रेस्तरां, दुकान के स्वामियों से भी सहयोग अपील की गई है।