उत्तराखंड दैनिक समाचार :ब्यूरो
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर संबोधन में मातंगिनी हाज़रा और कनकलता बरुआ को श्रद्धांजलि दी। हाज़रा को ब्रिटिश पुलिस ने सितंबर 1942 में मार्च का नेतृत्व करने के दौरान गोली मार दी थी और वह ‘वंदे मातरम’ कहते हुए शहीद हुई थीं। वहीं, कनकलता ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की सबसे कम उम्र की शहीदों में से एक हैं।