लिस मुख्यालय में एसडीआरएफ के कार्यों की समीक्षा करते हुए कार्यवाहक डीजीपी ने कहा कि होमगार्ड के जवानों को भी आपदा प्रबंधन और अन्य आवश्यक प्रशिक्षण देकर एसडीआरएफ में तैनात किया जाएगा। अब आपदा के मुश्किल समय में जवान भी मोर्चा संभालेंगे।
वहीं, कुमाऊं परिक्षेत्र में एसडीआरएफ की नई बटालियन खोलने पर भी विचार किया जा रहा है। इस दौरान पुलिस महानिरीक्षक, एसडीआरएफ रिधिम अग्रवाल ने एसडीआरएफ की जनशक्ति, उपलब्ध उपकरणों, चुनौतियों एवं भविष्य की कार्ययोजना पर प्रस्तुतिकरण दिया।
बैठक में ली गई सारी जानकारी
समीक्षा बैठक में निर्णय लिया गया कि जल पुलिस व बाढ़ राहत पीएसी दल का एसडीआरएफ में विलय किया जाएगा। जिससे वाटर रेस्क्यू में एसडीआरएफ की कार्यदक्षता में वृद्वि होगी। इस मौके पर अपर पुलिस महानिदेशक प्रशासन अमित सिन्हा, सेनानायक एसडीआरएफ मणिकांत मिश्रा भी मौजूद रहे।
एसडीआरएफ होगी और भी सुदृढ़
समीक्षा बैठक में ये निर्णय भी लिए गए एसडीआरएफ को और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा। राहत एवं बचाव कार्य के लिए अत्याधुनिक उपकरणों की खरीद की जाएगी। हाई एल्टीट्यूड रेस्क्यू आपरेशन में दक्षता बढ़ाने के लिए हेली स्लाइदरिंग प्रशिक्षण कराया जाएगा।
तैयार की जाएगी एसओपी
किसी भी आपदा के समय कार्रवाई के लिए तत्परता व प्रतिक्रिया की एसओपी तैयार की जाएगी। आपदा में ड्रोन की अहम भूमिका रहती है, इसलिए एसडीआरएफ के मूलभूत प्रशिक्षण में ड्रोन प्रशिक्षण को भी शामिल किया जाएगा।