राजाजी टाइगर रिजर्व की चीला रेंज में वाहन के ट्रायल के दौरान हुए हादसे में लापता महिला अधिकारी की तलाश के लिए एसडीआरएफ का सर्चिंग अभियान जारी है। एसडीआरएफ ने अब गोताखोरों को भी अभियान में उतारा है।
सोमवार सांय चीला पावर हाउस के निकट राजाजी टाइगर रिजर्व का एक इंटरसेप्टर वाहन टेस्टिंग के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। जिसमें वन क्षेत्र अधिकारी व उप वन क्षेत्र अधिकारी समेत चार लोगों की मौत हो गई थी।
पांच लोग घायल हो गए थे। जबकि टाइगर रिजर्व में तैनात वन्य जीव प्रतिपादक आलोकी चीला शक्ति नहर में गिरने के बाद लापता हो गई थी। सभी पांच घायलों का उपचार एम्स ऋषिकेश में चल रहा है। जिनमें से दो की हालत अभी गंभीर बनी हुई है।
एसडीआरएफ ने शुरू किया सर्चिंग अभियान
उधर, हादसे के बाद से ही लापता वन्य जीव प्रतिपालक की तलाश के लिए एसडीआरएफ ने सर्चिंग अभियान शुरू कर दिया था। मंगलवार को सुबह से ही एसडीआरएफ घटनास्थल तथा इससे आगे नहर में सर्चिंग में जुटी है।
चीला शक्ति नहर को देर रात बंद कर दिया गया था। मगर, अभी तक नहर का पानी काम नहीं हो पाया है। जिसको देखते हुए एसडीआरएफ ने अब गोताखोरों को सर्चिंग ऑपरेशन में शामिल किया है।
नहर की तलहटी में जाकर की जा रही सर्चिंग
गोताखोर नहर की तलहटी में जाकर सर्चिंग कर रहे हैं। एसडीआरएफ के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने बताया कि वाहन दुर्घटना के दौरान लापता महिला अधिकारी की तलाश में देर रात तक सर्च ऑपरेशन चलाया गया।
घटनास्थल का जायज़ा लेकर प्रभावी सर्च ऑपरेशन हेतु महत्वपूर्ण स्थानों को चिन्हित किया गया है, जहाँ सर्चिंग के दौरान सफलता मिलने की संभावना है।