अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में महिला चिकित्सक से छेड़छाड़ के आरोपित नर्सिंग अधिकारी को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की गाड़ी छठवें फ्लोर में बने वार्ड में पहुंच गई। इससे मरीज हक्के-बक्के रह गए। पुलिस और सुरक्षा कर्मियों ने गाड़ी के लिए रास्ता बनाया। घटना मंगलवार की है, जिसका वीडियो बुधवार को इंटरनेट मीडिया पर खूब प्रसारित होता रहा।
एम्स की एक महिला डाक्टर ने सर्जरी विभाग के आपरेशन थिएटर में तैनात नर्सिंग अधिकारी सतीश कुमार पर छेड़खानी का आरोप लगाया है। पुलिस ने मंगलवार को मुकदमा तो दर्ज कर लिया, लेकिन आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हुई थी। गुस्साए चिकित्सकों ने कार्य वहिष्कार कर दिया। वे नर्सिंग अधिकारी की गिरफ्तारी पर अड़े थे।
चिकित्सकों के गुस्से को देखते हुए पुलिस एम्स पहुंची, मगर वहां माहौल काफी गर्म था। पुलिस को पता चला कि आरोपित की ड्यूटी छठी मंजिल स्थित वार्ड में है। पुलिस आरोपित को पकड़ने के लिए वाहन समेत छठी मंजिल स्थित वार्ड में पहुंच गई। वाहन को छठी मंजिल तक रैंप से ले जाया गया।
वहां भर्ती मरीज कुछ समझ पाते, तब तक सुरक्षाकर्मी भी पहुंच गए। उन्होंने और पुलिसकर्मियों ने गाड़ी के लिए रास्ता बनाया। कुछ मरीजों के बेड को भी इधर-उधर किया गया। आरोपित को पकड़ने के बाद पुलिस उसे वाहन में बैठाकर इमरजेंसी के रास्ते बाहर आ गई।
सक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करने वालों पर भी हो कार्रवाई: कंडवाल
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में महिला चिकित्सक से छेड़खानी मामले में उत्तराखंड राज्य महिला आयोग ने सख्ती दिखाई है। घटना में शामिल अन्य आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई को लेकर आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने छह बिंदुओं पर जिलाधिकारी को पत्र लिखा है।
कंडवाल ने बताया कि मामले में अन्य अधिकारी, कर्मचारियों की भूमिका भी सामने आ रही है। इस बाबत नर्सिंग अधिकारी सतीश कुमार को बर्खास्त करने, साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने के आरोप में एएनएस सनोज पी को बर्खास्त करने, आपरेशन थिएटर के ड्यूटी रजिस्टर में गड़बड़ी पाए जाने पर जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।