प्रदेशभर में 16 जुलाई को हरेला पर्व को व्यापक जन आन्दोलन के रूप में मनाये जाने को लेकर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों से एक्शन प्लान की रिपोर्ट तलब की।
सीएस ने जिलाधिकारियों को ठोस एक्शन प्लान पर कार्य करते हुए जनपदों में वृक्षारोपण हेतु लक्ष्य निर्धारित करने के निर्देश दिए हैं। बुधवार को मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सचिवालय में सभी जिलाधिकारियों के साथ हरेला पर्व के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों/गतिविधियों के सम्बन्ध में बैठक में हरेला पर्व के दौरान किए गए वृक्षारोपण का डॉक्यूमेन्टेशन अनिवार्य रूप से करने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने जिलाधिकारियों एवं डीएफओं को स्पष्ट किया कि हरेला पर्व के डॉक्यूमेन्टेशन की रिपोर्ट मुख्यमंत्री द्वारा अपेक्षित है।
उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वृक्षारोपण के लक्ष्य के साथ ही नर्सरी में पर्याप्त संख्या में पौधों की उपलब्धता की सुनिश्चित कर ली जाए। वृक्षारोपण के दौरान छोटी पौध की अपेक्षा 2 वर्ष से अधिक के पौधों को वरीयता दी जाए। लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़कों के किनारे क्रैश बैरियर के स्थान पर बांस के पौधों का वृक्षारोपण किया जाए। जिलों में आबादी के सापेक्ष वृक्षारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया जाए।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए हैं कि जनपदों में जिन स्थानों पर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई हैं , पर फैन्सिंग कर वृहद स्तर पर वृक्षारोपण किया जाए। उन्होंने जिलाधिकारियों को शहरी क्षेत्रों में फैन्सिंग के प्रस्ताव तत्काल भेजने के भी निर्देश दिए हैं। सीएस श्रीमती रतूड़ी ने सभी जिलों के डीएम को शहरी क्षेत्रों में नगर वन विकसित करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी डीएफओं को निर्देश दिए हैं कि जिन स्थानों पर वृक्षारोपण किया जाना है उसकी विस्तृत जानकारी निर्धारित प्रारूप में अपने विभागाध्यक्ष के माध्यम से हॉफ को तत्काल भेजा जाए।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए हैं कि जनपदों में ग्राम पंचायत की बैठकों के दौरान वृक्षारोपण के कार्यक्रम करवाए जाए। उन्होंने सभी विकास प्राधिकरणों को निर्देश दिए हैं कि शहरी क्षेत्रों में कक्रींट निर्माण की अपेक्षा अधिकाधिक वृक्षारोपण को प्राथमिकता दी जाए। हरेला वन स्थापित कर उनकी देखभाल की जाए।
बैठक में जानकारी दी गई कि इस वर्ष जनपद देहरादून द्वारा 10 लाख से अधिक, हरिद्वार द्वारा 2 लाख से अधिक वृक्षारोपण का लक्ष्य रखा गया है।राज्य में मानसून की वर्षा प्रारम्भ होने से वन विभाग द्वारा वृक्षारोपण का कार्य फील्ड स्तर पर प्रारम्भ हो चुका है। प्रभागीय वनाधिकारियों द्वारा लगभग 20 प्रतिशत वृक्षारोपण पूर्ण होने की जानकारी दी गयी है। विभागीय वृक्षारोपण के अतिरिक्त हरेला कार्यक्रम के सम्बन्ध में प्रभागीय वनाधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया है कि जिला स्तर पर गठित समिति के साथ उनकी बैठक हो चुकी है, जिसमें हरेला कार्यक्रम के अन्तर्गत स्थलों का चयन एवं रोपित की जाने वाली पौध की तैयारी पूर्ण कर ली गयी है। .इस वर्ष हरेला पर्व की थीम “पर्यावरण की रखवाली, घर-घर हरियाली, लाये समृद्धि और खुशहाली होगा। हरेला पर्व के अन्तर्गत मुख्य रूप से फलदार प्रजाति के 50 प्रतिशत एवं चारा प्रजाति के पौधों को रोपित किया जायेगा।
हरेला अभियान में स्थानीय जनप्रतिनिधियों, विद्यार्थियों, स्थानीय निकायों / संस्थाओं/जिला विकास प्राधिकरणों / वन पंचायत तथा जनमानस की सहभागिता से वृक्षारोपण किया जायेगा।
भारत सरकार के निर्देशानुसार वर्ष 2024-25 में किये जाने वाले विभागीय वृक्षारोपण तथा वृहद् वृक्षारोपण एवं हरेला कार्यक्रम के अन्तर्गत रोपित किये जाने वाले वृक्षारोपण में “EK Ped Maa Ke Naam” “एक पेड़ माँ के नाम Hashtag का प्रयोग किया जाना है। इस सम्बन्ध में अपर प्रमुख वन संरक्षक, नियोजन एवं वित्तीय प्रबन्धन, उत्तराखण्ड द्वारा अनुपालन हेतु निर्देशित किया गया है तथा उक्त वृक्षारोपण को साप्ताहिक रूप से प्रगति सूचना Merilife.nic.in पोर्टल पर भरी जा रही है तथा वृक्षारोपण से सम्बन्धित स्थल के फोटोग्राफ आदि भी अपलोड किये जाएंगे ।
बैठक में प्रमुख सचिव रमेश कुमार सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक, अपर प्रमुख वन संरक्षक, अपर सचिव विनीत कुमार एवं सभी जिलाधिकारी वर्चुअल माध्यम से मौजूद रहे।