अरबों रुपयों के रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोपितों के ठिकानों से 24.50 लाख रुपये की नकदी सीज करने के साथ ही बैंक खातों में जमा 11.50 लाख रुपये फ्रीज कर दिए हैं। इसके साथ ही 58.80 लाख रुपये के सोने और चांदी के आभूषण भी जब्त किए हैं। छापेमारी के दौरान ईडी ने करोड़ों रुपयों की संपत्ति के दस्तावेज भी कब्जे में लिए हैं, जिनकी जांच शुरू कर दी गई है।
ईडी ने रजिस्ट्री फर्जीवाड़े के आरोपितों के देहरादून (उत्तराखंड), सहारनपुर, बिजनौर (उत्तर प्रदेश), लुधियाना (पंजाब), दिल्ली और बोंगाईगांव (असम) स्थित 17 ठिकानों पर 30 अगस्त शुक्रवार को एक साथ छापामारी की थी।
जिसमें रजिस्ट्री फर्जीवाड़े के मुख्य आरोपी अधिवक्ता कमल विरमानी समेत अन्य आरोपित इमरान अहमद, देवराज तिवारी, सुरेश चंद्र, अजय पालीवाल, हुमायूं परवेज, दीपचंद अग्रवाल, संतोष अग्रवाल, सुखदेव सिंह, समीर कामयाब, रोहताश सिंह, डालचंद, अजय क्षेत्र आदि के ठिकानों पर जांच की गई।
इसके अलावा दून में हाउसिंग प्रोजेक्ट के नाम पर 19 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने वाले बिल्डर जितेंद्र खरबंदा और अजय पुंडीर के अपार्टमेंट पर भी छापा मारा गया।
ईडी की 80 अधिकारियों की टीम ने की छापेमारी
ईडी की करीब 80 अधिकारियों की टीम ने आरोपियों के ठिकानों से करोड़ों रुपये की चल और अचल संपत्ति के दस्तावेज कब्जे में लिए। इन संपत्तियों को जल्द अटैच किया जा सकता है। ईडी ने छापेमारी के दौरान पेन ड्राइव और मोबाइल जैसे कुछ इलेक्ट्रानिक्स डिवाइस को भी कब्जे में लिया है।
साथ ही बैंक से संबंधित कई अहम दस्तावेज भी ईडी अधिकारियों के हाथ लगे हैं। जिनसे मनी लांड्रिंग की उस कड़ी को जोड़ा जाएगा, जिससे आरोपितों ने रजिस्ट्री फर्जीवाड़ा कर अवैध रूप से संपत्ति अर्जित की।
13 मुकदमे और 20 आरोपितों की हो चुकी गिरफ्तारी
रजिस्ट्री फर्जीवाड़े का मामला जुलाई 2023 में प्रकाश में आया था। जिसमें पता चला कि कुछ अधिवक्ताओं ने प्रापर्टी डीलरों और भूमाफिया से मिलकर देहरादून के सब रजिस्ट्रार कार्यालय के रिकार्ड रूम में घुसपैठ कर रजिस्ट्रियों के रिकार्ड बदल दिए हैं। साथ ही कलेक्ट्रेट के राजस्व अभिलेखागार से रिकार्ड भी गायब किए गए हैं। इस काम में सब रजिस्ट्रार कार्यालय के कुछ कार्मिकों ने भी फर्जीवाड़े में मदद की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त रुख के बाद प्रकरण में 02 एसआइटी (पुलिस व स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग) का गठन किया गया। पुलिस ने अब तक रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में 13 मुकदमे दर्ज कर 20 आरोपितों को जेल भेजा।
जागरण ने उजागर किया फर्जीवाड़ा, उघड़ती चली गई परतें
रजिस्ट्री फर्जीवाड़े को उजागर करने में जागरण ने विशेष भूमिका निभाई। जागरण ने ही सबसे पहले इस बात को सार्वजनिक किया था कि सब रजिस्ट्रार कार्यालय के रिकार्ड रूम में सेंधमारी कर बड़े पैमाने पर रजिस्ट्री के रिकार्ड बदल दिए गए हैं। इसके बाद जिलाधिकारी सोनिका ने हरकत में आते हुए अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को जांच सौंपी।
वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी खबर का संज्ञान लेकर सब रजिस्ट्रार कार्यालय का औचक निरीक्षण कर कड़ी कार्रवाई के निर्देश जारी किए। इसके बाद पुलिस के साथ ही स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग के अंतर्गत अलग अलग एसआइटी का गठन कर जांच शुरू की गई। पुलिस की एसआइटी मुकदमे दर्ज कर आरोपितों की गिरफ्तारी कर रही है, जबकि स्टांप विभाग की एसआइटी जनता से शिकायतें प्राप्त कर कार्यवाही की संस्तुति कर रही है।