उत्तराखंड में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की वास्तविक संख्या कितनी है, इसे लेकर सर्वे कराया जाएगा। साथ ही ट्रांसजेंडर को पहचान पत्र जारी करने के लिए प्रभावी तंत्र भी बनेगा। उत्तराखंड ट्रांसजेंडर पर्सन्स कल्याण बोर्ड का गठन होने के बाद यह कदम उठाए जाएंगे। यही नहीं, ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को रोजगार में समान अवसर प्रदान के लिए नीति भी बनाई जाएगी।
ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों के संरक्षण के दृष्टिगत राज्य में उत्तराखंड ट्रांसजेंडर पर्सन्स कल्याण बोर्ड के गठन के प्रस्ताव को बुधवार हुई कैबिनेट की बैठक में हरी झंडी दी गई। समाज कल्याण विभाग इस बोर्ड का प्रशासकीय विभाग होगा। बोर्ड के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे, जबकि समाज कल्याण, गृह, वित्त, कार्मिक, शहरी विकास, पंचायतीराज समेत विभिन्न विभागों के सचिव, ट्रांसजेंडर समुदाय के पांच विशेषज्ञ व इनके गैरसरकारी संगठन का एक प्रतिनिधि बोर्ड के सदस्य नामित होंगे।
बोर्ड का गठन होने के बाद वह केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से जारी नियमावली को अंगीकत कर ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए कदम उठाएगा। इसके तहत राज्य में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की संख्या के दृष्टिगत से सर्वे कराया जाएगा।यही नहीं, उन्हें पहचान पत्र देने की व्यवस्था को प्रभावी बनाया जाएगा। यद्यपि, वर्तमान में जिलाधिकारी को यह पहचान पत्र प्रदान करने का अधिकार है और कुछ जगह दिए भी गए हैं, लेकिन बोर्ड इसके लिए प्रभावी तंत्र बनाने के लिए कार्य करेगा।
सरकार की कल्याणकारी योजनाओं तक ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की पहुंच सुगम बनाने की दिशा में बोर्ड कार्य करेगा। साथ ही ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के आलोक में वह मौजूदा सामाजिक, शैक्षिक व स्वास्थ्य योजनाओं की समीक्षा भी करेगा। साथ ही ट्रांसजेंडर के प्रति संवेदनशील और गैर भेदभावपूर्ण नई योजनाएं बनाने पर जोर देगा। इसके अलावा ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की शिकायत के निवारण और शिकायतों पर नजर रखने को प्रभावी निगरानी प्रणाली भी बनाई जाएगी। शिकायतों की जांच व समाधान के लिए समय सीमा तय की जाएगी।
बोर्ड के गठन से मिलेगा अधिकार
राज्य में ट्रांसजेंडर समुदाय के हितों की सुरक्षा के दृष्टिगत लंबे समय से कल्याण बोर्ड के गठन की मांग इस समुदाय के संगठनों की ओर से उठाई जा रही थी। यद्यपि, वर्ष 2020 से उत्तराखंड ट्रांसजेंडर पर्सन्स कल्याण बोर्ड के गठन की कसरत चल रही थी, लेकिन यह विभिन्न कारणों से अटकी थी। बुधवार को समाज कल्याण की ओर से रखे गए इससे संबंधित प्रस्ताव को कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी। बोर्ड का गठन होने के बाद यह ट्रांसजेंडर से जुड़े विषयों पर नीति निर्धारण और क्रियान्वयन की दिशा में कदम उठाएगी।