यूसीसी के तहत अब विवाह पंजीकरण की समय सीमा को छह से बढ़ाकर एक साल कर दिया गया है। समय सीमा समाप्त होने के बाद दंड या जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है, इसके लिए सरकार ने जुलाई में अध्यादेश लाकर जरूरी संशोधन लागू किए थे। इसके साथ ही सब-रजिस्ट्रार के समक्ष अपील, शुल्क आदि का भी निर्धारण किया गया है इसके साथ ही समान नागरिक संहिता समिति की ओर से गई संस्तुतियों के आधार पर एक्ट में प्रावधानों के चलते हो रही व्यावहारिक दिक्कतों को भी दूर किया गया है।
कैबिनेट में अध्यादेश को कानून में तब्दील करने के लिए संशोधन विधेयक को विधानसभा के पटल पर रखने को मंजूरी दे दी है। संशोधित विधेयक में 26 मार्च 2020 से अधिनियम लागू होने तक हुए विवाह पंजीकरण की समय सीमा को छह से बढ़ाकर एक साल कर दिया गया है। यह समय सीमा समाप्त होने के बाद इसमें दंड या जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है।
