उत्तराखंड की पत्रकारिता को बुधवार और गुरुवार की दरम्यानी रात एक अपूरणीय क्षति हुई। अमर उजाला के वरिष्ठ पत्रकार और राज्य ब्यूरो प्रमुख राकेश खण्डूड़ी का निधन हो गया। वे कुछ समय से हृदय रोग से पीड़ित थे और एम्स ऋषिकेश में उनका इलाज चल रहा था। बुधवार को हुए ऑपरेशन के बाद उनकी स्थिति बिगड़ती गई, और देर रात उन्होंने अंतिम सांस ली।
पत्रकारिता के एक समर्पित अध्याय का अंत
राकेश खण्डूड़ी केवल पत्रकार नहीं थे, बल्कि उत्तराखंड की सामाजिक नब्ज को समझने और उसे स्वर देने वाले शब्दों के सच्चे सिपाही थे। हिमाचल प्रदेश में भी अमर उजाला के साथ जुड़कर उन्होंने पत्रकारिता को नई ऊँचाई दी थी। पिछले कई वर्षों से वे देहरादून यूनिट में कार्यरत थे और रोज डोईवाला से देहरादून आकर अपने कर्तव्य का निर्वहन करते थे — चाहे मौसम जैसा भी हो।
फेसबुक पर माउथ ऑर्गन बजाने वाले पत्रकार
खण्डूड़ी जी की एक और पहचान थी — उनका मृदुभाषी और संवेदनशील व्यक्तित्व। वे अक्सर फेसबुक पर माउथ ऑर्गन पर फिल्मी धुनें बजाते थे। उनके संगीत प्रेम और सरल स्वभाव ने उन्हें सिर्फ एक पत्रकार नहीं, बल्कि एक संवेदनशील इंसान के रूप में स्थापित किया।
श्रद्धांजलि की लहर
उनके निधन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, डीजी बंशीधर तिवारी, कई वरिष्ठ पत्रकारों, राजनीतिक नेताओं और सामाजिक संगठनों ने गहरा दुख जताया है।
उत्तराखंड पत्रकार यूनियन ने भी इस दुखद क्षति पर संवेदना प्रकट की है। सभी ने उन्हें एक शालीन, ईमानदार और समर्पित पत्रकार के रूप में याद किया।
कर्मयोग का प्रतीक
राकेश खण्डूड़ी का जीवन पत्रकारिता में संघर्ष, ईमानदारी और समर्पण का प्रतीक था। उनका जाना न केवल अमर उजाला परिवार बल्कि पूरे पत्रकारिता जगत के लिए एक गहरी क्षति है। वे उस पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते थे जो बिना शोर किए, बिना दिखावे के, सिर्फ काम में विश्वास रखती थी।
श्रद्धांजलि
राकेश खण्डूड़ी जी को विनम्र श्रद्धांजलि।
आपके शब्द, आपकी धुनें, और आपका मुस्कुराता चेहरा — हमेशा याद रहेगा।
