जामनगर | 1 नवंबर 2025:
हमेशा ग्लैमर, ग्रेस और भव्यता के लिए जानी जाने वाली नीता अंबानी ने इस साल अपना जन्मदिन एक अलग ही अंदाज में मनाया। इस बार कोई बड़ा सेलिब्रेशन, सितारों से सजी पार्टी या मुंबई का आलीशान आयोजन नहीं हुआ — बल्कि उन्होंने अपना 62वां जन्मदिन जामनगर में, भक्ति और सादगी से भरे माहौल में मनाया।
सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में नीता अंबानी का यह आध्यात्मिक रूप सबको मंत्रमुग्ध कर रहा है।
नीता अंबानी अपने पति मुकेश अंबानी के साथ जामनगर के मंदिर में दर्शन करने पहुँचीं। वीडियो में वे मंदिर में प्रवेश करने से पहले गाय को चारा खिलाती दिखीं — जो उनकी संवेदनशीलता और भारतीय परंपरा के प्रति श्रद्धा को दर्शाता है।
इसके बाद उन्होंने देवताओं के समक्ष नतमस्तक होकर प्रणाम किया, आरती की, और पूरे मन से पूजा में लीन रहीं।
एक और पल जिसने सबका दिल छू लिया — जब मुकेश अंबानी ने अपनी पत्नी के हाथ जोड़कर आशीर्वाद लिया, और फिर उन्हें स्नेहपूर्वक गले लगाया। यह दृश्य सोशल मीडिया पर “परफेक्ट कपल गोल्स” के रूप में वायरल हो गया।
नीता अंबानी ने अपने जन्मदिन की शुरुआत अपनी मां पूर्णिमा दलाल के चरण छूकर की।
एक वीडियो में वे थाल में मां के पैर धोतीं और उनका आशीर्वाद लेतीं नज़र आईं — यह दृश्य भारतीय परिवारिक मूल्यों और संस्कारों की जीवंत झलक पेश करता है।
इसके बाद उन्होंने अपने स्टाफ के साथ केक काटा, उन्हें धन्यवाद दिया और पूरा दिन मुस्कुराहटों और आत्मीयता से भर दिया।
नीता अंबानी का जन्मदिन इस बार अंबानी परिवार के जामनगर एस्टेट में मनाया गया।
हालाँकि यह आयोजन निजी था, लेकिन जो तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं, वे दिखाते हैं कि यह भक्ति, संस्कृति और पारिवारिक एकता का सुंदर संगम था।
नीता अंबानी का यह रूप लोगों के दिलों को छू गया — एक ऐसी महिला जो सफलता के शिखर पर होते हुए भी अपनी जड़ों और परंपराओं से गहराई से जुड़ी हुई हैं।
नीता अंबानी सिर्फ रिलायंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन नहीं हैं, बल्कि एक संवेदनशील नेता, कला संरक्षक और समाजसेविका हैं।
उन्होंने भारतीय कला, नृत्य और संस्कृति को वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
वह धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल की संस्थापक, नीता मुकेश अंबानी कल्चरल सेंटर (NMACC) की प्रेरक शक्ति, और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) की सदस्य चुनी जाने वाली पहली भारतीय महिला हैं।
नीता अंबानी का यह जन्मदिन यह याद दिलाता है कि सच्ची खुशी सिर्फ शान-ओ-शौकत में नहीं, बल्कि भक्ति, परिवार और आत्मीयता के क्षणों में होती है।
उनका यह रूप बताता है कि जीवन में जितनी ऊँचाइयाँ मिलें, अपनी मिट्टी और संस्कारों से जुड़ा रहना ही सबसे बड़ी सफलता है।
