नई दिल्ली, 6 नवम्बर 2025:
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को 12वें एसबीआई बैंकिंग एंड इकॉनमिक्स सम्मेलन-2025 में कहा कि भारत को अब ऐसे बड़े और विश्वस्तरीय बैंकों की जरूरत है जो वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें। उन्होंने बताया कि इस दिशा में सरकार, आरबीआई और बैंकों के बीच बातचीत जारी है।
वित्त मंत्री ने उद्योग जगत के लिए कर्ज प्रवाह (Credit Flow) बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि इससे निजी निवेश और आर्थिक विकास को नई रफ्तार मिलेगी। उन्होंने बताया कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) प्रणाली के जरिये सरकार ने 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बचत की है। डीबीटी ने भ्रष्टाचार को कम किया, पारदर्शिता बढ़ाई, और लाभार्थियों तक सीधा फायदा पहुँचाने में अहम भूमिका निभाई है।
सीतारमण ने कहा कि पिछले दशक में 25 करोड़ भारतीयों को बहुआयामी गरीबी से बाहर निकाला गया, जो सरकार की समावेशी विकास नीति की सफलता को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) में पिछले दस सालों में पाँच गुना वृद्धि की गई है ताकि देश के बुनियादी ढांचे और औद्योगिक आधार को मजबूत किया जा सके।
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि जीएसटी दरों में कमी से उपभोग और मांग में तेजी आएगी, जिससे निवेश का माहौल और बेहतर होगा। उन्होंने यह भी बताया कि भारत आज प्रौद्योगिकी-आधारित विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है — वर्ष 2014 में जहां डेटा की कीमत ₹300 प्रति जीबी थी, वहीं अब यह घटकर ₹10 प्रति जीबी रह गई है, जिससे डिजिटल सेवाओं का प्रसार हुआ है।
