नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने 2006 के निठारी सीरियल किलिंग मामले में दोषी ठहराए गए सुरेंद्र कोली को बरी कर दिया है और उसकी दोषसिद्धि रद्द कर दी है। अदालत ने आदेश दिया है कि यदि वह किसी अन्य मामले में वांछित नहीं है, तो उसे तत्काल रिहा किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट की इस फैसले से जुड़ी जानकारी के अनुसार, सुरेंद्र कोली ने अपनी दोषसिद्धि के खिलाफ सुधारात्मक याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। इससे पहले फरवरी 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने 15 वर्षीय लड़की की हत्या के मामले में कोली की दोषसिद्धि बरकरार रखी थी। हालांकि, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उसके खिलाफ शेष 12 मामलों में उसे बरी कर दिया था। इसके बाद इस वर्ष कोली ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
कोली की याचिका पर सुनवाई करते हुए, मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने कहा कि दोषसिद्धि केवल एक बयान और रसोई के चाकू की बरामदगी पर आधारित थी। न्यायालय ने यह भी कहा कि अन्य मामलों में बरी किए जाने के कारण असामान्य स्थिति उत्पन्न हुई थी।
निठारी हत्याकांड 2005-2006 के बीच हुआ था। यह मामला दिसंबर 2006 में सार्वजनिक हुआ, जब नोएडा के निठारी गांव में एक घर के पास नाले में मानव कंकाल पाए गए। जांच में पता चला कि मोनिंदर सिंह पंढेर उस घर का मालिक था और सुरेंद्र कोली उसका घरेलू नौकर था।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, अब सुरेंद्र कोली को तुरंत रिहा कर दिया जाएगा, अगर वह किसी अन्य मामले में वांछित नहीं है।
