🌞 *~हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 10 अगस्त 2023*
🌤️ *दिन – गुरूवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2080 (गुजरात – 2079)*
🌤️ *शक संवत -1945*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – वर्षा ॠतु*
🌤️ *अमांत – 25 गते अधिक श्रावण मास प्रविष्टि*
🌤️ *राष्ट्रीय तिथि – 18 अधिक श्रावण मास*
🌤️ *मास – अधिक श्रावण*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – दशमी 11 अगस्त प्रातः 05:06 तक तत्पश्चात एकादशी*
🌤️ *नक्षत्र – रोहिणी 11 अगस्त प्रातः 04:01 तक तत्पश्चात मृगशिरा*
🌤️ *योग – ध्रुव शाम 03:11 तक तत्पश्चात व्याघात*
🌤️ *राहुकाल – दोपहर 02:01 से शाम 03:41 तक*
🌞 *सूर्योदय-05:41*
🌤️ *सूर्यास्त- 19:04*
👉 *दिशाशूल- दक्षिण दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण –
💥 *विशेष-
🌞~*वैदिक पंचांग* ~🌞
🌷 *एकादशी व्रत के लाभ* 🌷
➡️ *11 अगस्त 2023 शुक्रवार को प्रातः 05:07 से 12 अगस्त, शनिवार को सुबह 06:31 तक एकादशी है।*
💥 *विशेष – 12 अगस्त, शनिवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखे।*
🙏🏻 *जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
🙏🏻 *जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
🙏🏻 *एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं ।इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*
🙏🏻 *धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।*
🙏🏻 *कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।*
🙏🏻 *परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है ।पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ ।भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🙏🏻 *एकादशी को दिया जलाके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें 👉🏻 …….विष्णु सहस्त्र नाम नहीं हो तो १० माला गुरुमंत्र का जप कर लें l अगर घर में झगडे होते हों, तो झगड़े शांत हों जायें ऐसा संकल्प करके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें तो घर के झगड़े भी शांत होंगे l*
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🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *एकादशी के दिन ये सावधानी रहे* 🌷
🙏🏻 *महीने में १५-१५ दिन में एकादशी आती है एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा कर देता है लेकिन वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति एकादशी न रख सके तभी भी उनको चावल का तो त्याग करना चाहिए एकादशी के दिन जो चावल खाता है… तो धार्मिक ग्रन्थ से एक- एक चावल एक- एक कीड़ा खाने का पाप लगता है…ऐसा डोंगरे जी महाराज के भागवत में डोंगरे जी महाराज ने कहा
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