उत्तराखंड दैनिक समाचार :ब्यूरो
देहरादून; एक स्थायी दुनिया के उद्देश्य को आगे बढ़ाने और पर्यावरण की दृष्टि से जिम्मेदार प्रथाओं को बढ़ावा देने की मजबूत प्रतिबद्धता के साथ, यूपीईएस के बैचलर ऑफ डिजाइन (बी.डेस) के तीसरे वर्ष के छात्र रतिन मोहन ने हाल ही में लेक्सस इंडिया की प्रसिद्ध नेचर इलेक्ट्रिफाइड डिजाइन प्रतियोगिता में नाम कमाया। उनके असाधारण डिज़ाइन ने न केवल जजों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया बल्कि उन्हें पहला स्थान हासिल करने में भी मदद की।
अप्रैल में पृथ्वी दिवस पर शुरू हुई इस प्रतियोगिता में प्रकृति, विद्युतीकरण और पर्यावरण चेतना के शक्तिशाली फ्यूज़न का ज़श्न मनाया गया, जिसके परिणामस्वरूप एक शानदार सिम्फनी तैयार हुई। देश भर से प्रतिभाशाली डिजाइनरों ने अपने कौशल और रचनात्मकता का प्रदर्शन करते हुए अपनी एंट्रीज भेजीं। सम्मानित ऑटोमोटिव दिग्गजों के एक पैनल ने सावधानीपूर्वक पांच फाइनलिस्टों का चयन किया, और दर्शकों के वोटों के आधार पर अंतिम विजेता का नाम तय किया गया।
रतिन का डिज़ाइन सबसे लोकप्रिय विकल्प के रूप में उभरा, जिसने दर्शकों के दिल और दिमाग पर कब्जा कर लिया। इस पुरस्कार विजेता डिज़ाइन की प्रेरणा पर बोलते हुए, उन्होंने कहा, “मैं हमेशा अपने डिज़ाइनों के माध्यम से एक स्थायी दुनिया में योगदान करने की आकांक्षा रखता हूं। डिज़ाइन से सम्बंधित विचार प्रकृति के पांच तत्वों – पृथ्वी, सूर्य, जल, आकाश और हवा के सार को पकड़ना था। इस प्रोसेस के हर चरण में शुरू से अंत तक शामिल होना और अपने डिजाइन को साकार होते देखना एक अनोखा अनुभव था जिसे मैं हमेशा अपने दिल में रखूंगा। प्रकृति के प्रति योगदान देने और एक टिकाऊ भविष्य के लिए लेक्सस की प्रेरणा ने मुझे इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।
प्रतियोगिताओं में भाग लेने से लेकर ज्यूरी के सामने अपना काम प्रस्तुत करने तक, यूपीईएस में मेरी शैक्षणिक यात्रा ने मेरे आत्मविश्वास और व्यावसायिकता को काफी बढ़ाया है। इसने मुझे अपने विचारों को पैनल के सामने प्रस्तुत करने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।”
इस कार्यक्रम ने प्रभावशाली और विविध प्रकार के प्रतिभागियों को सामने लाते हुए प्रमुख ऑटोमोबाइल ब्रांड्स को आकर्षित किया। इसने डिजाइन में टैक्नोलॉजी और सस्टेनेबिलिटी के सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व को उजागर करने के महत्वपूर्ण प्रभाव और महत्व को प्रदर्शित किया।
यूपीइएस का परिचय! उत्तराखंड राज्य विधानमंडल के यूपीईएस अधिनियम, 2003 के माध्यम से स्थापित, यूपीईएस शीर्ष रैंक, यूजीसी-मान्यता प्राप्त, निजी विश्वविद्यालयों में से एक है। राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) 2023 के अनुसार, शिक्षा मंत्रालय, भारत, यूपीईएस को 52वां स्थान दिया गया है, इंजीनियरिंग में 54वां रैंक और प्रबंधन में 39वां रैंक दिया गया है। इसके अलावा, क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2024 द्वारा विश्वविद्यालय को भारत में शैक्षणिक प्रतिष्ठा में नंबर 1 निजी विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया है और यह दुनिया के शीर्ष 3% विश्वविद्यालयों में से एक है। यूपीईएस को एनएएसी द्वारा मान्यता ग्रेड ‘ए’ के साथ भी मान्यता दी गई है और पिछले कुछ वर्षों में 90%+ प्लेसमेंट के साथ, विश्व स्तर पर प्रशंसित क्यूएस रेटिंग द्वारा रोजगार योग्यता (प्लेसमेंट) पर 5-स्टार प्राप्त हुए हैं।
यूपीईएस अपने आठ स्कूलों के माध्यम से स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रम प्रदान करता है: स्कूल ऑफ एडवांस्ड इंजीनियरिंग, स्कूल ऑफ कंप्यूटर साइंस, स्कूल ऑफ डिजाइन, स्कूल ऑफ लॉ, स्कूल ऑफ बिजनेस, स्कूल ऑफ हेल्थ साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी, स्कूल ऑफ मॉडर्न मीडिया और स्कूल ऑफ लिबरल स्टडीज। लगभग 13,000 छात्रों और 1500+ संकाय सदस्यों और स्टाफ सदस्यों के साथ।