🌹🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞🌹
🌤️ *दिनांक – 11 अगस्त 2023*
🌤️ *दिन – शुक्रवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2080 (गुजरात – 2079)*
🌤️ *शक संवत -1945*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – वर्षा ॠतु*
🌤️ *अमांत – 26 गते अधिक श्रावण मास प्रविष्टि*
🌤️ *राष्ट्रीय तिथि – 19 अधिक श्रावण मास*
🌤️ *मास – अधिक श्रावण*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – एकादशी पूर्ण रात्रि तक*
🌤️ *नक्षत्र – मृगशिरा 12 अगस्त सुबह 06:02 तक तत्पश्चात आर्द्रा*
🌤️ *योग – व्याघात शाम 03:06 तक तत्पश्चात हर्षण*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 10:43 से दोपहर 12:22 तक*
🌞 *सूर्योदय-05:38*
🌤️ *सूर्यास्त- 19:03*
👉 *दिशाशूल- पश्चिम दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण – एकादशी वृद्धि तिथि*
💥 *विशेष- *हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।*
💥 *आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*
💥 *एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।*
💥 *एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।*
💥 *जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।*
🌞~*वैदिक पंचांग* ~🌞
🌷 *परमा (कामदा) एकादशी* 🌷
➡️ *11 अगस्त 2023 शुक्रवार को प्रातः 05:07 से 12 अगस्त, शनिवार को सुबह 06:31 तक एकादशी है।*
💥 *विशेष – 12 अगस्त, शनिवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखे।*
🙏🏻 *परमा (कामदा) एकादशी ( समस्त पाप, दुःख और दरिद्रता आदि को नष्ट करनेवाला व्रत | कीर्तन-भजन आदि सहित रात्रि-जागरण करना चाहिए | महादेवजी ने कुबेर को इसी व्रत के करने से धनाध्यक्ष बना दिया है |)*
🙏🏻 *ऋषिप्रसाद – सितम्बर २०२० से*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *काम-धंधे में बरकत के लिए* 🌷
👉🏻 *नौकरी या काम-धंधे में बरकत नहीं आती हो तो गाय की धूलि लेकर उसको ललाट पर लगाकर काम-धंधे पर जाएँ l धीरे-धीरे बरकत होने लगेगी और विघ्न हटने लगेंगे l*
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏