उत्तराखंड दैनिक समाचार;ब्योरो
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने सोमवार को देहरादून में एक स्थानीय होटल में उत्तरांचल विश्वविद्यालय के कुलाधिपति जितेंद्र जोशी की पुस्तक “धैर्यपथ एक आत्मकथा” का विमोचन किया। राज्यपाल ने पुस्तक के विमोचन के अवसर पर श्री जितेंद्र जोशी को बधाई देते हुए कहा कि जोशी जी की आत्मकथा संघर्षों को सफलता में फलित होते दिखाती है और किसी व्यक्ति के साधारण से असाधारण होने की यात्रा बताती है।
राज्यपाल ने कहा कि धैर्यपथ के माध्यम से श्री जोशी के परिश्रम, चुनौतियों, उनके संघर्षों और उनकी सफलता की जानकारी लोगों को पढ़ने को मिलेगी। वहीं उनके द्वारा हासिल की गई उपलब्धियां भी इस पुस्तक के माध्यम से हमें जानकारी मिलेगी। उन्होंने कहा की जो धैर्य का पथ श्री जोशी ने हमें इस पुस्तक के माध्यम से बताया है वह हमें बताता है कि सफलता के लिए धैर्य हमारी कितनी परीक्षा लेता है।
राज्यपाल ने कहा की कड़ी मेहनत और लगन से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा की श्री जोशी जी की कहानी एक उदाहरण है की सफलता तक कैसे पहुंचा जा सकता है। उन्होंने विश्वास जताया कि श्री जोशी का संघर्ष, परिश्रम और उपलब्धियां लोगों के लिए प्रेरणा देने वाली रहेगी।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि जोशी जी की आत्मकथा युवाओं के लिए अनुकरणीय उदाहरण है और निश्चित तौर पर यह वर्तमान पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।
पुस्तक के रचियता जितेन्द्र जोशी ने पुस्तक के परिपेक्ष में अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि संसाधनों की कमी व्यक्ति को आगे बढ़ने की दृढ़ इच्छाशक्ति के सामने बौनी साबित होती है। कठोर परिश्रम और लगन ही सफलता की कुंजी है। अपनी संघर्ष यात्रा, उतार-चढ़ाव और मीठे-कड़वे अनुभवों को उन्होंने अपनी लेखनी के माध्यम से इस पुस्तक में परोसा है। उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा है कि मेरी पुस्तक युवा पीढ़ी में जरूर उत्साह का संचार करेगी।
इस अवसर पर प्रथम महिला श्रीमती गुरमीत कौर, मेयर सुनील उनियाल गामा, जितेंद्र जोशी की धर्मपत्नी अनुराधा जोशी और उनके परिजन, एमडी प्रभात प्रकाशन पीयूष अग्रवाल और अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।