🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 28 अगस्त 2023*
🌤️ *दिन – सोमवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2080 (गुजरात – 2079)*
🌤️ *शक संवत -1945*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – शरद ॠतु*
🌤️ *अमांत – 12 गते श्रावण मास प्रविष्टि*
🌤️ *राष्ट्रीय तिथि – 6 श्रावण मास*
🌤️ *मास – श्रावण*
🌤️ *पक्ष – शुक्ल*
🌤️ *तिथि – द्वादशी शाम 06:22 तक तत्पश्चात त्रयोदशी*
🌤️ *नक्षत्र – उत्तराषाढा 29 अगस्त रात्रि 02:43 तक तत्पश्चात श्रवण*
🌤️ *योग – आयुष्मान सुबह 09:56 तक तत्पश्चात सौभाग्य*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 07:31 से सुबह 09:07 तक*
🌞 *सूर्योदय-05:52*
🌤️ *सूर्यास्त- 18:45*
👉 *दिशाशूल- पूर्व दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण – पवित्रा-दामोदर द्वादशी,सोम प्रदोष व्रत*
💥 *विशेष- द्वादशी को पूतिका(पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞~*वैदिक पंचांग* ~🌞
🌷 *रक्षाबंधन के पर्व पर दस प्रकार का स्नान*
🙏🏻 *श्रावण महिने में रक्षाबंधन की पूर्णिमा 30 अगस्त 2023 बुधवार वाले दिन वेदों में दस प्रकार का स्नान बताया गया है |*
1⃣ *भस्म स्नान – उसके लिए यज्ञ की भस्म थोडीसी लेकर वो ललाट पर थोड़ी शरीर पर लगाकर स्नान किया जाता है | यज्ञ की भस्म अपने यहाँ तो है आश्रम में, पर समझो आप अपने घर पर किसी को बताना चाहें की यज्ञ की भस्म थोड़ी लगाकर श्रावणी पूर्णिमा को दसविद स्नान में पहले ये बताया है | तो वहाँ यज्ञ की भस्म कहाँ से आयेगी तो गौचंदन धूपबत्ती घरों में जलाते हैं साधक | शाम को गौचंदन धूपबत्ती जलाकर जप करें अपने इष्टमंत्र, गुरुमंत्र का तो वो जलते जलते उसकी भस्म तो बचेगी ना | तो जप भी एक यज्ञ है | तो गौचंदन की भस्म होगी यज्ञ की भस्म पवित्र मानी जाती है | वैसे गौचंदन है वो, देशी गाय के गोबर, जड़ीबूटी और देशी घी से बनती है | तो पहला भस्म स्नान बताया है |*
2⃣ *मृत्तिका स्नान*
3⃣ *गोमय स्नान – गोमय स्नान माना गौ गोबर उसमे थोडा गोझरण ये मिक्स हो उसका स्नान (उसका मतलब थोडा ले लिया और शरीर को लगा दिया ) क्यों वेद ने कहा इसलिए गौमाता के गोबर में (देशी गाय के) लक्ष्मी का वास माना गया है | गोमय वसते लक्ष्मी पवित्रा सर्व मंगला | स्नानार्थम सम संस्कृता देवी पापं हर्गो मय || तो हमारे भीतर भक्तिरूपी लक्ष्मी बढ़ती जाय, बढ़ती जाय जैसे गौ के गोबर में लक्ष्मी का वास वो हमने थोडा लगाकर स्नान किया, हमारे भीतर भक्तिरूपी संपदा बढती जाय | गीता में जो दैवी लक्षणों के २६ लक्षण बतायें हैं वो मेरे भीतर बढ़ते जायें | ये तीसरा गोमय स्नान |*
4⃣ *पंचगव्य स्नान – गौ का गोबर, गोमूत्र, गाय के दूध के दही, गाय का दूध और घी ये पंचगव्य | कई बार आपको पता है पंचगव्य पीते हैं | तो पंचगव्य स्नान थोड़ा सा ही बन जाये तो बहुत बढियाँ नहीं बने तो गौ का गोबरवाला तो है | माने पाँच तत्व से हमारा शरीर बना हुआ है वो स्वस्थ रहें, पुष्ट रहें, बलवान रहें ताकी सेवा और साधना करते रहे, भक्ति करते रहें |*
👉🏻 शेष कल……
🌞 ~ *वैदिक पंचांग* ~ 🌞
🌷 *रक्षाबंधन* 🌷
➡ *सर्वरोगोपशमनं सर्वाशुभविनाशनम् ।*
*सकृत्कृते नाब्दमेकं येन रक्षा कृता भवेत् ।।*
🙏🏻 *इस पर्व पर धारण किया हुआ रक्षासूत्र सम्पूर्ण रोगों तथा अशुभ कार्यों का विनाशक है ।इसे वर्ष में एक बार धारण करने से वर्षभर मनुष्य की रक्षा होती हैं ।(भविष्य पुराण)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *मनु स्मृति* 🌷
🙏🏻 *भाई और बहन के लिए रक्षाबंधन एक महापर्व की तरह है। रक्षाबंधन भाई और बहन के प्यार का प्रतीक माना जाता है। इस दिन भाई अपनी बहन को प्यार के साथ-साथ कई तरह के उपहार भी देता है। मनु स्मृति में तीन ऐसी चीजों के बारे में बताया गया है, जो घर की महिलाओं को देने से घर में शांति और उन्नति बनी रहती है।*
🌷 *श्लोक-*
*यत्र नार्यस्तु पूज्यते, रमन्ते तत्र देवताः।*
➡ *मनु स्मृति: बहन को जरूर दें ये 3 चीजें, हर काम में मिलेगी सफलता, होंगे लाभ*
1⃣ *वस्त्र*
*वस्त्र यानी कपड़े। सजना-सवरना, श्रृंगार करना ये सब महिलाओं को सबसे प्रिय होता है। मनुस्मृति के अनुसार, जिस घर के पुरुष अपनी पत्नी, माता या बहन को अच्छे वस्त्र प्रदान करते हैं, उस घर पर भगवान हमेशा प्रसन्न रहते हैं। ऐसे घर में हमेशा सुख-शांति बनी रहती है और सभी कामों में सफलता मिलती है। स्त्री को घर की लक्ष्मी माना जाता है, अगर महिलाएं गंदे या मैले कपड़े पहन कर रहती हैं या घर के पुरुष अपनी पत्नी, मां या बहन को समय-समय पर अच्छे वस्त्र नहीं प्रदान करते तो ऐसे घर पर लक्ष्मी रूठ जाती है।*
2⃣ *आभूषण*
*आभूषण यानी गहने। गहने महिलाओं की सबसे प्रिय वस्तुओं में से एक है। जिस घर की महिलाएं खुश रहती हैं, वहां देवताओं का निवास माना जाता है। हर मनुष्य को अपने घर की महिलाओं को सुंदर गहने उपहार में देना चाहिए। जिस घर की महिलाएं अच्छे कपड़े और गहनों से श्रृंगार करती है, वहां कभी दरिद्रता नहीं रहती। ऐसे घर में हमेशा खुशहाली और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है ।*
3⃣ *मधुर वचन*
*महिलाओं को पूजनीय माना जाता है। कई ग्रंथों और पुराणों में महिलाओं का सम्मान करने की बात कही गई है। मनुस्मृति के अनुसार, जिस घर में महिलाओं से बुरी तरह से बात की जाती है या उनका सम्मान नहीं किया जाता, ऐसे घर में भगवान भी नहीं रहते। स्त्रियों का सम्मान न करने वाले मनुष्य को हर समय किसी न किसी परेशानी का सामान करना ही पड़ता है। इसलिए मनुष्य को हमेशा महिलाओं का सम्मान करना चाहिए और अपने घर की स्त्रियों के साथ हर समय प्रेम और आदर से ही व्यवहार करना चाहिए।*
🌞 ~ *वैदिक पंचांग* ~ 🌞पंचक प्रारंभ : बुधवार, 30 अगस्त 2023 पूर्वाह्न 10:19 बजे
पंचक समाप्त: रविवार, 03 सितंबर 2023 पूर्वाह्न 10:38 बजे
पंचक प्रारंभ : मंगलवार, 26 सितंबर 2023 अपराह्न 08:28 बजे
पंचक समाप्त : शनिवार, 30 सितंबर 2023 को रात 09:08 बजे
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