उत्तराखंड दैनिक समाचार ;ब्यूरो
देहरादून। जिला प्रशासन देहरादून और उत्तरकाशी ने संस्कृति, धर्मस्व, पर्यटन, सिंचाई, लोक निर्माण, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण एवं जलागम, मंत्री सतपाल महाराज के निर्देश पर हनोल स्थित महासू मंदिर एवं दसऊ स्थित चालदा महाराज मंदिर परिसर में जागरा (देवनायणी) राजकीय मेला पर्व पर एक दिन का अवकाश घोषित किया है।
संस्कृति, धर्मस्व, पर्यटन, सिंचाई, लोक निर्माण, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण एवं जलागम, मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि जल्दी ही हनोल स्थित महासू देवता मंदिर का मास्टर प्लान तैयार कर वहां का सुनियोजित विकास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान तैयार करने की जिम्मेदारी अहमदाबाद की डिजाइन एजेंसी आईएनएस को दी गई है।
ज्ञात हो कि पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज की पहल पर ही पर्यटन विभाग ने श्री बद्रीनाथ और श्री केदारनाथ के तर्ज पर हनोल स्थित महासू देवता मंदिर के विकास हेतु एक प्रस्ताव तैयार किया था जिस पर पूर्व में ही प्रदेश मंत्रिमंडल अपनी मोहर लगा चुका है।
जौनसार बाबर के प्रमुख तीर्थ स्थल हनोल मंदिर में पूजा दर्शन के लिए हर वर्ष जांगड़े में हजारों श्रद्धालु आते हैं। 18 सितंबर को हनोल मंदिर और 19 सितंबर को चलदा महाराज दसऊ में जांगड़ा देवनायणी राजकीय मेला पर्व के आयोजन को देखते हुए मुख्य शिक्षा अधिकारी, देहरादून के द्वारा विकासखण्ड कालसी व चकराता और मुख्य शिक्षा अधिकारी, उत्तरकाशी ने विकासखण्ड पुरोला और मोरी क्षेत्र के अंतर्गत कक्षा 1 से 12 तक सभी शासकीय, अशासकीय एवं निजी विद्यालयों में अवकाश घोषित किया है।
*प्रेस-विज्ञप्ति-2*
*15 सितम्बर 2023*
*प्रदेश के बांधों में निवेश को तैयार हैं अन्य देश: महाराज*
*बांध सुरक्षा पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का अंतिम दिन*
देहरादून/जयपुर। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय का जल संसाधन नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग के जयपुर राजस्थान में बांध सुरक्षा पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के अंतिम दिन शुक्रवार को प्रदेश के सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने न्यू साउथ वेल्स ऑस्ट्रेलिया के डैम सेफ्टी इंचार्ज, डेनिश के राजदूत और फ्रेंच राजदूत के प्रतिनिधि से अनेक महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की।
सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि बातचीत के दौरान
सभी ने उत्तराखंड के बांधों में निवेश करने की बात कही है।
ज्ञात हो कि इस दो दिवसीय सम्मेलन में बांधों की सुरक्षा के साथ-साथ जल प्रबंधन और अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी चर्चा हो रही है।