पहाड़ों की रानी मसूरी में आने वाले पर्यटक इन दिनों दून घाटी के ऊपर सूर्योदय व सूर्यास्त के समय लाल सुर्ख सीधी विंटर लाइन के इस अद्भुत नजारे का लुत्फ उठा रहे हैं। वह इस पल को अपने कैमरों में कैद कर रहे हैं। इन दिनों पर्यटक न्यू ईयर और क्रिसमस मनाने जा रहे हैं। मसूरी में भी सारे होटल फुल हो गए हैं।
मसूरी के लालटिब्बा, चारदुकान, झड़ीपानी-बार्लोगंज से लेकर माल रोड, सर्कुलर रोड़, विंसेंट हिल, जार्ज एवरेस्ट, कार्ट मैकेंजी रोड से सूर्यास्त के समय दिखाई देने वाली विंटर लाइन पर्यटकों को अपनी ओर खूब आकर्षित कर रही है। पर्यटक यहां विंटर लाइन बनने से लेकर गायब होने (सुबह व शाम) तक डटे हुए हैं।
क्या है विंटर लाइन
सर्दियों में व्याप्त धूल के कण वातावरण में एक निश्चित ऊंचाई पर जाने के बाद एक सीधी समानांतर रेखा बनाते हैं। इसके ऊपर जब पश्चिम से सूर्य की लालिमा पड़ती है तो एक लंबी सीधी रेखा दिखाई देती है। जिसको विंटर लाइन के नाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि विंटर लाइन स्विट्जरलैंड के बाद सिर्फ उत्तराखंड के मसूरी से ही दिखाई देती है। यह विंटर लाइन अक्टूबर से मार्च तक दिखाई देती है।
हर साल विंटर लाइन देखने आते हैं पर्यटक
सूर्यास्त के समय विंटर लाइन लगभग दो घंटे दिखाई देती है, जबकि सूर्योदय के समय यह लगभग आधा घंटा ही दिखाई देती है और सूरज निकलने के बाद गायब हो जाती है। इसी विंटर लाइन के नाम से मसूरी में प्रतिवर्ष दिसंबर अंतिम सप्ताह में मसूरी विंटर लाइन कार्निवाल का आयोजन किया जाता है।