खुद को आइएएस अधिकारी बताकर गाजियाबाद के शातिर ने दून के योग प्रशिक्षक दंपती से करीब 23 लाख से अधिक की धोखाधड़ी कर दी। दंपती की रिश्तेदार के आग्रह पर आरोपित घर में रुका था।
आरोपित ने बताया कि वह स्टडी लीव पर दून आया है और यहां रहकर पीएचडी की तैयारी करेगा। इसी बीच उनका भरोसा जीता और धीरे-धीरे उधार के तौर पर दंपती से रकम लेता गया। आरोपित ने शिकायतकर्ता को एफसीआइ (फूड कार्पोरेशन आफ इंडिया) का फर्जी लाइसेंस और पत्नी को भारतीय मानक ब्यूरो का फर्जी नियुक्ति पत्र देकर अपना रुतबा दिखाया।
बाद में राजफाश होने के डर से आरोपित घर से उनके लाखों रुपयों की नकदी और गहने चोरी कर फरार हो गया। जब शिकायतकर्ता ने फोन कर रकम और गहने वापस मांगें तो आरोपित ने उनकी पत्नी के आपत्तिजनक फोटो भेजकर उन्हें बर्बाद करने की धमकी दी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
फर्जी पहचान पत्र दिखाया
पटेलनगर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक केके लुंठी के अनुसार, कारबारी ग्रांट निवासी एक व्यक्ति ने शिकायत दी। उन्होंने बताया कि गाजियाबाद के न्यायखंड निवासी हिमांशु जुयाल से उनकी मौसी की बेटी ने 20 अगस्त 2023 को मुलाकात कराई थी। मौसी की बेटी ने उन्हें बताया था कि हिमांशु आइएएस अधिकारी है। वह इन दिनों स्टडी लीव पर है और पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन विषय पर पीएचडी कर रहा है।
परिचय के दौरान हिमांशु ने उन्हें अपना पहचान पत्र दिखाया। साथ ही हिमांशु ने उन्हें बताया कि पूर्व में उसका चयन आइएफएस (भारतीय वन सेवा) के लिए हुआ था। विश्वास दिलाने के लिए उसने वन विभाग की वर्दी में अपनी कुछ तस्वीरें भी दिखाईं। मौसी की बेटी ने निवेदन किया कि वह हिमांशु को कुछ दिन के लिए अपने घर में रहने दें, ताकि वह पढ़ाई कर सके। साथ ही बताया कि हिमांशु और वह एक-दूसरे से प्रेम करते हैं और जल्द शादी करने वाले हैं।
फूड कार्पोरेशन आफ इंडिया का फर्जी लाइसेंस भी दिया
उनकी बात पर भरोसा कर शिकायतकर्ता ने हिमांशु को अपने घर में रहने दिया। इस दौरान आरोपित ने उनकी बात अपनी मां लता देवी और पिता विजय भूषण से भी करवाई। जिन्होंने यह दावा किया कि उनका बेटा फूड कारपोरेशन आफ इंडिया में अधिकारी है। जल्द उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में एडीएम का चार्ज लेने वाला है।
आरोप है कि हिमांशु भी शिकायतकर्ता को भविष्य में उनके किसी बड़े काम में आने का झांसा देता रहा। इसके साथ ही आरोपित ने शिकायतकर्ता को फूड कार्पोरेशन आफ इंडिया का फर्जी लाइसेंस भी दिया। यही नहीं, शिकायतकर्ता की पत्नी को भी आरोपित ने भारतीय मानक ब्यूरो का फर्जी नियुक्ति पत्र दिया। इस बीच आरोपित धीरे-धीरे उनसे उधार के रूप में रकम लेता रहा।
हिमांशु ने गाजियाबाद में घर के निर्माण के नाम पर शिकायतकर्ता से 6.65 लाख रुपये, उनकी पत्नी से 3.26 लाख रुपये अपने खाते में और पांच लाख रुपये नकद ले लिए। लंबा समय बीतने के बाद जब हिमांशु ने रकम नहीं लौटाई तो दंपती को संदेह हुआ। हिमांशु को जब लगा कि उसका भेद खुलने वाला है तो वह घर से उनकी पत्नी के करीब सात लाख रुपये के गहने, 1.26 लाख रुपये का मोबाइल और अन्य सामान लेकर फरार हो गया।
आरोप है कि शिकायतकर्ता ने जब हिमांशु जुयाल को फोन कर अपने पैसे और गहने वापस मांगे तो उसने उनकी पत्नी की कुछ आपत्तिजनक तस्वीरें भेजकर परिवार को बर्बाद करने की धमकी दी। पीड़ित ने जब मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी से ई-मेल के माध्यम से संपर्क कर हिमांशु जुयाल के बारे में जानकारी मांगी तो पता चला कि यह आइएएस अधिकारी नहीं है।