इसके अलावा, 41 बसें बीएस-6 डीजल अनुबंधित भी हैं, जो स्थानीय मार्गों पर चल रही थी, उन्हें भी अब दिल्ली भेजा जा रहा है। राज्य सरकार ने निगम को 175 नई बसों की खरीद प्रक्रिया भी शीघ्र करने के निर्देश दिए हैं।
प्रतिबंध के बाद 12 रह गई बसों की संख्या
शनिवार से लागू प्रतिबंध से पूर्व दिल्ली के लिए उत्तराखंड से 504 बसें नियमित दिल्ली जा रही थी, जिनमें 40 से 45 हजार यात्री प्रतिदिन आवागमन कर रहे थे। वर्तमान में 310 बसें ही जैसे-जैसे दिल्ली जा पा रही हैं और शेष 194 बसें खड़ी हो गई हैं। प्रतिबंध से पहले निगम की 53 वोल्वो बसों में से 45 दिल्ली मार्ग पर संचालित हो रही थी। अकेले देहरादून से ही 27 बसें दिल्ली जबकि दो बसें गुरुग्राम जा रही थी।
अब यह संख्या मात्र 12 रह गई है, जिसमें आठ देहरादून से चल रही हैं। इन बसों की ऑनलाइन टिकट बुकिंग फिर खोलने के साथ राज्य सरकार ने गत फरवरी में बोर्ड बैठक में स्वीकृत 100 सीएनजी व 75 डीजल बीएस-6 नई बड़ी बसों की खरीद त्वरित निविदा के अंतर्गत करने के निर्देश भी दिए।
दिल्ली मार्ग पर स्थिति
- वर्तमान में 310 बसें हो रहीं संचालित, पूर्व में चलती थी 504 बसें।
- दून से दिल्ली की 27 वोल्वो के बदले वर्तमान में चल रही छह वोल्वो।
- दो वोल्वो दून से भेजी जा रही गुरुग्राम, चार ऋषिकेश व हल्द्वानी से चल रहीं दिल्ली।
- अकेले दून से दिल्ली के लिए चल रही थी 150 बसें, अब चल रही 41 बसें।
- 40 से 45 हजार यात्री प्रतिदिन कर रहे थे यात्रा, अब रह गए 25 हजार यात्री।
- वोल्वो की ऑनलाइन टिकट बुकिंग फिर खुलने से यात्रियों को मिलेगी राहत।
बता दें कि, प्रदूषण को लेकर दिल्ली में शनिवार से पुरानी बसों के प्रवेश पर प्रतिबंध के कारण प्रदेशभर में यात्रियों को हो रही परेशानी के बाद चार दिन बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में परिवहन विभाग और परिवहन निगम के अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक में एक्शन-प्लान बनाने के निर्देश दिए।
परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि एक्शन-प्लान के अंतर्गत 100 सीएनजी बसों की खरीद पहले से चल रही 130 बसों के निविदा पर शुरू कर दी गई है। इनमें 30 सीएनजी बसें मिल गई हैं, जिनके पंजीयन की कार्रवाई की जा रही।
इसके अतिरिक्त 130 बीएस-6 बसों में से 77 मिल चुकी हैं, जबकि शेष बसें इस माह के अंत तक आ जाएंगी। यह सभी दिल्ली के लिए संचालित होंगी। अनुबंधित बस आपरेटरों से वोल्वो के विकल्प के तौर पर नई बसें लगाने को भी कहा गया है। बैठक में सचिव परिवहन बृजेश संत भी उपस्थित रहे।
मेरठ एक्सप्रेस-वे से बसों को संचालित करने की तैयारी
एक्शन प्लान के अंतर्गत परिवहन निगम दिल्ली जाने वाली आधी बसों को मेरठ एक्सप्रेस-वे संचालित करने की तैयारी कर रहा। वोल्वो नान-स्टाप सेवा के तहत पहले से इसी मार्ग से नोएडा सेक्टर-62 होते हुए दिल्ली जा रही हैं। इस मार्ग से बसें साढ़े चार से पांच घंटे में दिल्ली पहुंच जाती हैं। ऐसे में वह एक दिन में आराम से तीन फेरे लगा सकती हैं।
निगम अधिकारियों को उम्मीद है कि एक्सप्रेस-वे पर संचालन से यात्रियों की संख्या भी बढ़ेगी। अभी तक बसें 24 घंटे में दिल्ली के दो फेरे (आना-जाना) करती थी, लेकिन अब तीन फेरे लगाएंगी। यानी, एक बस दिल्ली जाकर लौटने के बाद उसी दिन दोबारा दिल्ली जाएगी।
कौशांबी व मोहननगर तक भेजें पुरानी बसें
मुख्य सचिव ने पुरानी डीजल बसों का संचालन दिल्ली सीमा से पूर्व उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद कौशांबी डिपो और मोहननगर तक करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस संबंध में उत्तर प्रदेश राज्य के परिवहन अधिकारियों से वार्ता करने को भी कहा, ताकि कौशांबी व मोहननगर में बसों के खड़े होने में कोई परेशानी न आए।
इसके अलावा दिल्ली परिवहन निगम के अधिकारियों से वार्ता करने को भी कहा गया, ताकि कौशांबी व मोहननगर से यात्रियों की सुविधा के लिए दिल्ली में प्रवेश के लिए डीटीसी की बसें लगाई जा सकें।