कांग्रेस के चार पार्षद प्रत्याशियों के नामांकन पर आपत्ति के चलते दूसरे दिन भी नगर निगम परिसर में हंगामा चलता रहा। कांग्रेसियों ने नामांकन केंद्र के बाहर जमकर हंगामा किया। तीन वार्ड के प्रत्यािशियों की आपत्तियों का निस्तारण होने के बाद उन्हें क्लीन चिट मिल गई, लेकिन वार्ड 49 पर कांग्रेस प्रत्याशी और उनके बेटे का नामांकन सरकारी जमीन पर कब्जे के कारण निरस्त कर दिया गया।
इस वार्ड के प्रत्याशी के विरुद्ध शिकायत लेकर रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ रिटर्निंग अधिकारी के पास पहुंचे थे। जिस पर कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए विधायक के खिलाफ प्रदर्शन किया और नोकझोंक की स्थिति बन गई। पुलिस ने विधायक की ओर दौड़े कांग्रेसियों को बमुश्किल रोका और विधायक को पीछे के रास्ते से बाहर निकाला। घटनाक्रम बुधवार को दोपहर 12 बजे से शाम सात बजे तक चला।
आपत्ति पर जताई नाराजगी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व नेता प्रतिपक्ष व चकराता के विधायक प्रीतम सिंह, पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट, महापौर के प्रत्याशी विरेंद्र पोखरियाल, प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना, महानगर अध्यक्ष डा. जसविंदर सिंह गोगी, पूर्व विधायक राजकुमार, महानगर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष लालचंद शर्मा आदि ने एआरओ से मिलकर कांग्रेस प्रत्याशियों पर लगाई जा रही आपत्ति पर नाराजगी जताई और भाजपा विधायक के दबाव में न आने की मांग की।
नामांकन निरस्त कराने का बनाया दबाव
प्रीतम सिंह ने बताया कि वार्ड 47 चंदर नगर से अजय त्यागी उर्फ रोबिन, वार्ड 49 भगत सिंह कालोनी से इलियास अंसारी, वार्ड तीन राझांवाला से अनिल क्षेत्री व वार्ड 75 लोहियानगर से मुकीम अहमद को पहले एनओसी देने में आनकानी की गई, जब इसका कड़ा विरोध किया गया तो एनओसी दे दी गई। अब नामांकन दाखिल होने के बाद रायपुर विधायक काऊ ने इन चारों वार्डाें के प्रत्याशियों को दी गई एनओसी पर आपत्ति दर्ज की और नामांकन निरस्त कराने का दबाव बनाया।
नामांकन केंद्र के बाहर चलता रहा हंगामा
कांग्रेस ने इसका विरोध किया और तीन वार्ड में नामांकन स्वीकार कर लिए गए। जबकि, वार्ड 49 में नामांकन निरस्त कर दिया गया। जिसके चलते कांग्रसी नामांकन केंद्र के बाहर हंगामा करते रहे। पहले से ही तैनात भारी पुलिस बल ने कांग्रेसियों को एआरओ कार्यालय में जाने से रोका तो कई नेता पुलिस से उलझ गए।
इस दौरान जमकर धक्का-मुक्की हुई। कांग्रेसी विनीत प्रसाद भट्ट उर्फ बंटू को पुलिस ने उठाकर पीछे धकेला। शाम को अजय त्यागी उर्फ रोबिन, अनिल क्षेत्री व मुकीम अहमद की दावेदारी पर आपत्ति को खारिज कर दिया गया है, जबकि इलियास अंसारी की दावेदारी के आपत्ति यथावत रखी। जिससे उनकी दावेदारी रद हो गई है।
धक्का मुक्की भी हुई
दोपहर बाद जैसे ही विधायक उमेश शर्मा काऊ नगर निगम पहुंचे तो वैसे ही बड़ी संख्या में कांग्रेसी भी वहां जमा हो गए और नारेबाजी करने लगे। पार्टी के वरिष्ठ नेता विधायक प्रीतम सिंह को भी जब पुलिस ने अंदर नहीं जाने दिया तो इस दौरान पुलिस और कांग्रेसी के बीच जमकर धक्का मुक्की हुई। जैसे ही प्रीतम सिंह, लालचंद शर्मा, सूर्यकांत धस्माना को पुलिस ने अंदर जाने दिया, वैसे ही पीछे के रास्ते काऊ को बाहर निकाल दिया।
विधायक काऊ के बाहर निकलते ही कांग्रेस कार्यकर्ता उनके पीछे दौड़े। वह चलती कार में बैठ गए, लेकिन बीच बचाव कर रहे विधायक के गनर पर धक्का-मुक्की में किसी ने उनसे हाथापाई कर दी। प्रीतम सिंह ने विधायक पर आरोप लगाया कि वह राजनीतिक दबाव बनाकर कांग्रेस प्रत्याशियों के नामांकन रद करवाने का प्रयास कर रहे हैं। रायपुर विधायक ने कांग्रेसियों पर अनावश्यक हंगामा करते हुए उत्पात मचाने का आरोप लगाया।
न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी कांग्रेस
महानगर कांग्रेस के अध्यक्ष डा. जसविंदर सिंह गोगी ने कहा कि साल के पहले दिन से भाजपा लोकतंत्र की हत्या करने पर जुट गई है। वार्ड 40 भगत सिंह कालोनी से प्रत्याशी इलियास अंंसारी की दावेदारी को खारिज करने के खिलाफ कांग्रेस न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी और किस प्रकार गलत तरीके से कांग्रेस के प्रत्याशी की दावेदारी को खारिज किया गए पूरे साक्ष्य कोर्ट में पेश करेगी।
कानूनी लड़ाई थी, जो हम जीत गए
रायपुर से भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ ने कहा कि वह नगर निगम में कानूनी लड़ाई लड़ने गए थे। कांग्रेस के प्रत्याशी इलियास अंसारी और उनके बेटे ने सरकारी भूमि पर कब्जा कर दुकानों का निर्माण किया गया है। करीब दाे वर्ष से यहां अतिक्रमण की स्थिति है और इस पर उन्हें नोटिस भी दिया जा चुका है। ऐसे में उनका पार्षद पद पर चुनाव लड़ना गलत है। विधायक ने कहा कि उन्होंने कब्जे को लेकर दस्तावेज प्रस्तुत किए और नामांकन निरस्त हो गया, जो कि उनकी कानूनी जीत है।