उत्तराखंड को सड़क और रेल संपर्क में विस्तार और पर्यटन के लिए आधारभूत सुविधाएं जुटाने के लिए केंद्र सरकार से सहायता मिल सकती है। केंद्र सरकार के नए बजट की पोटली से प्रदेश को बड़ी उम्मीदें हैं।
हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कारीडोर समेत चारधाम यात्रा से इतर धार्मिक स्थलों के विकास की परियोजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए प्रदेश सरकार को अतिरिक्त वित्तीय सहायता की दरकार है।
साथ ही ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना को पूरा करने एवं अन्य प्रस्तावित परियोजनाओं के लिए रेल मंत्रालय बजट में नए कदम उठा सकता है। प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में संभावनाओं पर काम किया जा रहा है।
धार्मिक पर्यटन के विकास के लिए रोडमैप तैयार
विशेष रूप से चारधाम से इतर धार्मिक पर्यटन के विकास के लिए अवस्थापना सुविधाओं के विस्तार की योजनाओं का रोडमैप सरकार ने तैयार किया है। इनमें हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कारीडोर, ऋषिकेश को रिवर राफ्टिंग केंद्र और योग नगरी के रूप में विकसित करने, चंपावत जिले में शारदा नदी कारीडोर और नैनीताल जिले में बाबा नीब करौरी मंदिर क्षेत्र कैंचीधाम और मानसखंड मंदिर माला मिशन की महत्वाकांक्षी परियोजनाएं सम्मिलित हैं।
इन परियोजनाओं पर आगे बढ़ने का रास्ता तैयार होगा
गौरीकुंड, सोनप्रयाग, गुप्तकाशी, त्रियुगीनारायण और ऊखीमठ समेत जिले के समस्त प्रमुख स्थलों को विकसित किया जाएगा। प्रदेश सरकार उम्मीद कर रही है कि केंद्र के नए बजट में इन परियोजनाओं पर आगे बढ़ने का रास्ता तैयार होगा। टनकपुर- बागेश्वर परियोजना पर टकटकी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है। इसे अगले वर्ष तक पूरा करने के लिए बजट में बड़ा कदम उठाया जा सकता है।
साथ ही टनकपुर-बागेश्वर नई रेल लाइन बिछाने के साथ ही चारधाम को रेललाइन से जोड़ने व उत्तरकाशी तक रेल लाइन पहुंचाने के लिए भी बजट से उम्मीदें बांधी गई हैं। केंद्रपोषित योजनाओं में जल जीवन मिशन, पीएमजीएसवाइ, भारतमाला परियोजनाओं के विस्तार की मांग प्रदेश की ओर से की गई है।
