पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश से यमुना का जलस्तर बढ़ गया है। इसके चलते हरियाणा के यमुनानगर में स्थित हथिनीकुंड बैराज के सभी 18 गेट खोल दिए गए हैं। नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और दिल्ली-एनसीआर पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। वहीं, मौसम विभाग ने हरियाणा और पंजाब के कई इलाकों में इस हफ्ते भारी बारिश की चेतावनी दी है। इससे संकट गहराने के आसार हैं। यमुना नदी सोमवार को दोपहार बाद खतरे का निशान पार कर गई है। नदी के बाढ़ क्षेत्र में अब किसी को रुकने की इजाजत नहीं है।
दिल्ली में इतने जलस्तर को बाढ़ माना जाता है, तब लोगों को यमुना बाढ़ क्षेत्र से हर हाल में बाहर निकाल दिया जाता है। सोमवार की आधी रात में पानी अचानक बढ़ने की आशंका को देखते हुए लोगों को पहले ही बाहर निकालने की कार्रवाई शुरू की गई है। मौजूदा समय हथिनीकुंड बैराज से करीब एक लाख क्यूसेक पानी हर घंटे छोड़ा जा रहा है। पानी बढ़ने के बाद यमुना बाजार इलाके में कई सीवेज का पानी ओवर फ्लो कर रहा है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार को यमुना नदी और उससे सटे क्षेत्रों में बाढ़ प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा करने के बाद दिल्लीवासियों को आश्वस्त किया कि शहर में कहीं भी बाढ़ जैसी स्थिति नहीं होगी। मानसून से पहले ही बाढ़ से निपटने की तैयारी पूरी कर ली गई है। यदि थोड़ी बहुत समस्या आती भी है तो वह केवल फ्लड प्लेन क्षेत्रों तक सीमित रहेगी। मुख्यमंत्री ने असीता घाट से यमुना छठ घाट, डीएम ईस्ट कार्यालय, 12 नंबर रेगुलेटर और केंद्रीय कंट्रोल रूम का दौरा किया। सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग मंत्री प्रवेश साहिब सिंह भी उनके साथ मौजूद रहे।
नदी के बाढ़ क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को प्रशासन ने पहले ही सचेत कर दिया है। उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए जरूरी इंतजाम कर दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्लीवासियों को चिंता करने की जरूरत नहीं है, उनकी सुरक्षा पहली प्राथमिकता है। इसके लिए राहत और बचाव कार्यों के लिए 14 अहम जगहों पर नावों की तैनाती की गई है। साथ ही यमुना का पानी मुख्य सड़कों तक न पहुंचे और ट्रैफिक प्रभावित न हो, इसके लिए सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग को सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए है।
