सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त को दिए गए निर्देश में संशोधन करते हुए दिल्ली-एनसीआर के डॉग शेल्टर्स से आवारा कुत्तों को छोड़ने पर रोक लगाने के निर्देश दिए है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पकड़े गए कुत्तों को नसबंदी और टीकाकरण के बाद उसी जगह पर छोड़ दिया जाए, जहां से उन्हें उठाया गया था। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की विशेष पीठ ने साफ किया कि कुत्तों को छोड़े जाने वाला आदेश रेबीज से संक्रमित या रेबीज से संक्रमित होने की आशंका वाले या फिर आक्रामक व्यवहार वाले कुत्तों पर लागू नहीं होगा।
न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति एन वी अंजारैया ने नगर निगम अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे ऐसे विशेष भोजन क्षेत्र बनाएं, जहां लोग आवारा कुत्तों को खाना खिला सकें, साथ ही नगर निकायों की ओर से विशेष नगरपालिका वार्ड में आवारा कुत्तों की आबादी और सघनता को ध्यान में रखते हुए भोजन क्षेत्र बनाए जाएंगे। उन्होंने ये साफ किया कि सड़कों पर आवारा कुत्तों को खाना खिलाने की अनुमति नहीं होगी।
इससे पहले शीर्ष अदालत ने राष्ट्रीय राजधानी में आवारा कुत्तों के काटने से खासकर बच्चों में रेबीज होने की एक मीडिया रिपोर्ट पर 28 जुलाई को शुरू किए गए एक स्वतः संज्ञान मामले में अपना आदेश सुनाया था। सर्वोच्च न्यायालय की दो न्यायाधीशों की पीठ ने 11 अगस्त को कई निर्देश पारित किए थे, जिनमें दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद के अधिकारियों को सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को जल्द से जल्द पकड़ना शुरू करने और उन्हें आश्रय स्थलों में स्थानांतरित करने का आदेश दिया गया था।
