उत्तरप्रदेश के मैनपुरी गांव में बुखार का कहर तेजी के साथ बढ़ रहा है। वहीं, बरनाहल में बुखार के चलते ग्रामीण दहशत में हैं। गांव में करीब 350 लोग बीमार हैं। पिछले 24 घंटे में जिला अस्पताल पहुंची छह माह की मासूम सहित तीन मरीजों की बुखार के चलते मौत हो गई। वहीं, छह मरीजों को गंभीर हालत में मेडिकल कॉलेज सैफई के लिए रेफर किया गया।
महाराजा तेज सिंह जिला अस्पताल में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ रही है। महाराजा तेज सिंह जिला अस्पताल में शनिवार को सुबह से ही मरीजों की भीड़ रही। अस्पताल की ओपीडी में सर्वाधिक मरीज फिजीशियन और बाल रोग विशेषज्ञ कक्ष में पहुंचे। कस्बा बेवर निवासी सर्वेश (45) को बुखार आने पर शुक्रवार की शाम महाराजा तेज सिंह जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां देर रात उपचार के दौरान सर्वेश की मौत हो गई। शहर के मोहल्ला महमूद नगर निवासी जारा (6 माह) पुत्री सोनू को दो दिन पहले बुखार आया। परिजन ने एक मेडिकल से लेकर दवा खिला दी। आराम ने मिलने पर शनिवार की सुबह परिजन उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे यहां डॉक्टर ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।
विकास खंड क्षेत्र का गांव पैरारशाहपुर की आबादी करीब साढ़े चार हजार है। यहां के लोग बुखार के साथ खांसी, जुकाम से पीड़ित हैं। 8 अगस्त को बुखार के कारण गांव की सोमवती की सैफई अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो चुकी है। पिछले चार दिन से गांव में बुखार पीड़ितों को राहत के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से शिविर लगाया गया है। करीब 350 लोग बीमार हैं। निजी पैथोलॉजी लैब के संचालक अपनी जांच में डेंगू और मलेरिया की पुष्टि कर रहे हैं। वहीं, स्वास्थ्य विभाग वायरल फीवर की बात कह रहा है। गांव में दहशत का माहौल है।
गांव पैरारशाहपुर में बुखार के मरीजों की स्थिति की जांच उच्चाधिकारियों ने भी शुरू कर दी है। शनिवार को सीएमओ के निर्देश पर एसीएमओ डॉ. अनिल वर्मा ने गांव में पहुंचकर मरीजों से बात की। उन्होंने लोगों को साफ सफाई के प्रति जागरूक किया। एसीएमओ ने कहा कि गांव में लग रहे शिविर में पहुंचकर उपचार लें। अफवाह से बचें। उन्होंने बताया कि गांव के लोग वायरल की चपेट में हैं। वहीँ ग्रामीणों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम दवाइयां के नाम पर खाना पूरी कर रही है। ग्रामीणों में स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ रोष व्याप्त है।
