भारत पर अमेरिका द्वारा लगाए गए 50% टैरिफ का सीधा असर गुरुवार को घरेलू शेयर बाजार में देखने को मिला। शुरुआती कारोबार में ही बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स 508 अंक फिसलकर 80,278 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 157 अंक गिरकर 24,554 के स्तर पर आ गया।
📉 क्या है गिरावट की वजह?
अमेरिकी टैरिफ का असर: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर रूसी तेल खरीद को लेकर लगाए गए अतिरिक्त 25% टैरिफ बुधवार से लागू हो गए हैं। इससे भारत पर कुल टैरिफ 50% हो गया है।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली: एफआईआई ने मंगलवार को 6,516 करोड़ रुपये के शेयर बेच डाले, जिससे बाजार की धारणा पर दबाव पड़ा।
राजनीतिक-आर्थिक अनिश्चितता: वैश्विक व्यापार तनाव और डॉलर के मुकाबले रुपये में उतार-चढ़ाव से निवेशकों में अनिश्चितता बढ़ी है।
🏦 किन कंपनियों को नुकसान, किसे फायदा?
नुकसान में रहने वाली कंपनियां:
एचसीएल टेक
एचडीएफसी बैंक
पावर ग्रिड
सन फार्मा
एनटीपीसी
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स
मुनाफे में रहने वाली कंपनियां:
एशियन पेंट्स
टाइटन
मारुति
लार्सन एंड टुब्रो
इटरनल
🌍 वैश्विक बाजारों की स्थिति
एशिया: जापान का निक्केई और कोरिया का कोस्पी हरे निशान में; हांगकांग का हैंगसेंग कमजोर
अमेरिका: बुधवार को अमेरिकी बाजार सकारात्मक दायरे में बंद हुए
कच्चा तेल: ब्रेंट क्रूड 0.76% गिरकर $67.53 प्रति बैरल पर
📊 विशेषज्ञों की राय
वी.के. विजयकुमार, मुख्य निवेश रणनीतिकार, जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड:
“अमेरिकी टैरिफ का असर अल्पकालिक होगा। बाजार इन घटनाओं को एक अस्थायी असंतुलन के रूप में देख रहा है। असली चुनौती है — उच्च मूल्यांकन और धीमी आय वृद्धि।”
वह मानते हैं कि डीआईआई की मजबूत खरीदारी एफआईआई की बिकवाली को संतुलित कर रही है।
💰 रुपया और विदेशी पूंजी का हाल
रुपया: डॉलर के मुकाबले 16 पैसे मजबूत होकर ₹87.53 पर खुला
डीआईआई: घरेलू संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को 7,060 करोड़ रुपये की खरीदारी की, जिससे बाजार को आंशिक सहारा मिला
🔁 पिछले कारोबारी दिन का प्रदर्शन
मंगलवार को सेंसेक्स 849 अंक और निफ्टी 255 अंक की गिरावट के साथ बंद हुए थे
बुधवार को गणेश चतुर्थी के कारण शेयर बाजार बंद रहे
📌 निवेशकों के लिए सलाह
वर्तमान परिस्थितियों में निवेशकों को चाहिए कि:
शॉर्ट टर्म में घबराहट में बिकवाली न करें
मिड और लॉन्ग टर्म निवेश दृष्टिकोण बनाए रखें
मजबूत बैलेंस शीट वाली कंपनियों पर फोकस करें
ग्लोबल घटनाओं पर नजर बनाए रखें
📝 निष्कर्ष
भारत पर अमेरिकी टैरिफ का सीधा आर्थिक असर फिलहाल सीमित हो सकता है, लेकिन निवेशकों की भावना पर इसका असर स्पष्ट दिख रहा है। चुनावी मौसम और वैश्विक अस्थिरता के बीच, बाजार में उतार-चढ़ाव आने वाले समय में और तेज हो सकते हैं। ऐसे में सतर्कता और विवेक ही सबसे बड़ा निवेश साबित हो सकता है।
