देशभर में मानसून की बारिश अब आफत का रूप ले चुकी है। पंजाब, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, तेलंगाना, असम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे कई राज्य भारी बारिश और बाढ़ की चपेट में हैं। जान-माल का भारी नुकसान हुआ है और राहत-बचाव अभियान तेज़ कर दिए गए हैं।
पंजाब के आठ जिले बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित हैं, जहां गांवों में पानी भर गया है और लोगों को घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है। सेना और वायुसेना की मदद से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई गांवों का संपर्क टूट गया है।
महाराष्ट्र के नांदेड़ और लातूर जिलों में लगातार बारिश के कारण 2,200 से अधिक लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। कई नदियां उफान पर हैं और खेतों में पानी भर गया है।
तेलंगाना में सेना ने हेलिकॉप्टर से बचाव कार्य किया और कई लोगों को बाढ़ग्रस्त इलाकों से निकाला। वहीं असम के गुवाहाटी में रिहायशी इलाके पूरी तरह पानी में डूब गए हैं।
हिमाचल प्रदेश में मणिमहेश यात्रा के दौरान 7 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है और 9 लोग लापता हैं। लगभग 8,000 श्रद्धालु अभी भी रास्ते में फंसे हुए हैं और प्रशासन उन्हें निकालने में जुटा है।
उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में भूस्खलन और मूसलधार बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। जम्मू में 380 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जिससे रेल सेवाएं बाधित हुई हैं। रेलवे ने फंसे यात्रियों के लिए विशेष ट्रेन चलाई है।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में कोंकण, गोवा, तेलंगाना, केरल और कर्नाटक में भारी बारिश की संभावना है। उत्तर और पश्चिम भारत में भी मानसून सक्रिय रहेगा।
