उत्तराखंड के शांत और सुंदर पहाड़ों पर एक बार फिर कुदरत ने कहर बरपाया है। बीती रात रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों में बादल फटने की घटनाओं ने न सिर्फ घरों को, बल्कि लोगों की ज़िंदगियों को भी मलबे में दबा दिया।
📍 रुद्रप्रयाग के बड़ेथ डुंगर तोक
यहां रात के सन्नाटे को चीरती हुई बारिश आई, और फिर पहाड़ से ऐसा मलबा टूटा कि कई घर उसकी चपेट में आ गए। स्थानीय लोग बताते हैं — “सब कुछ मिनटों में हुआ, कुछ समझ ही नहीं आया, किसे बचाते, किसे आवाज़ लगाते।”
📍 चमोली के देवाल क्षेत्र में मातम
यहां मोपाटा गांव में तारा सिंह और उनकी पत्नी लापता हैं। उनका घर, सपने, सामान… सब मलबे के नीचे दफन हो गए। वहीं, विक्रम सिंह और उनकी पत्नी घायल हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कालेश्वर गांव में ऊपर से आया पहाड़ी मलबा सीधे घरों में घुस गया।
⛔ सड़कें टूटीं, रास्ते बंद, जीवन रुका
लगातार बारिश से गौरीकुंड, रुद्रप्रयाग, बद्रीनाथ, ऋषिकेश को जोड़ने वाली मुख्य सड़कें भूस्खलन के कारण ठप हैं। कई जगह गाड़ियां मलबे में फंसी हुई हैं। लोग घबराए हुए हैं — कुछ ने अपने घर छोड़ दिए, तो कुछ बचाव दलों की मदद का इंतज़ार कर रहे हैं।
🧑🚒 राहत के लिए जद्दोजहद
प्रशासन, SDRF और NDRF की टीमें जेसीबी मशीनों के साथ राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। पहाड़ से लगातार गिर रहे पत्थरों और मलबे के बीच, हर जान को बचाने की कोशिश हो रही है।
🗣️ मुख्यमंत्री ने जताई संवेदना
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने X (ट्विटर) पर लिखा:
“बड़ेथ डुंगर और देवाल क्षेत्र में बादल फटने की सूचना अत्यंत दुःखद है। राहत-बचाव कार्य जारी है। सभी प्रभावितों की कुशलता के लिए बाबा केदार से प्रार्थना करता हूं।”
⚠️ खतरा अभी टला नहीं
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे के लिए अलर्ट जारी किया है। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बारिश और भूस्खलन की आशंका है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और अफवाहों से बचें।
🙏 प्रकृति के आगे इंसान फिर बेबस
यह घटना एक बार फिर बताती है कि कैसे प्रकृति की छोटी सी करवट भी इंसानी जिंदगी को झकझोर कर रख सकती है। उत्तराखंड का यह दर्द सिर्फ एक राज्य का नहीं, पूरे देश का है।
