भगवानपुर थाना क्षेत्र के रायपुर गांव में एक झोलाछाप क्लीनिक में प्रसव के दौरान जच्चा और नवजात की दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना के बाद परिजनों और स्थानीय लोगों ने जमकर हंगामा किया, जिसके चलते क्लीनिक संचालिका और नर्स मौके से फरार हो गए। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
जानकारी के अनुसार, रायपुर गांव में एक किराए की दुकान में बिना किसी बोर्ड या लाइसेंस के फर्जी क्लीनिक चलाया जा रहा था। वहां ना तो किसी डॉक्टर का नाम लिखा गया था और ना ही किसी प्रकार का रजिस्ट्रेशन था। काले रंग के शीशों के पीछे यह क्लीनिक लंबे समय से अवैध रूप से संचालित किया जा रहा था। मृतका की पहचान किरन के रूप में हुई है, जो मूल रूप से धौलाघाट (अल्मोड़ा) की रहने वाली थी। उसका पति पंकज इन दिनों भगवानपुर के औद्योगिक क्षेत्र में कार्यरत है। पंकज ने बताया कि उसकी पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर वह उसे नजदीकी क्लीनिक पर लेकर गया, जहां मौजूद नर्स ने कहा कि डिलीवरी करनी होगी। बिना किसी विशेषज्ञ डॉक्टर के मौजूदगी में डिलीवरी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई, जिसके दौरान जच्चा और नवजात दोनों की मौत हो गई।
पत्नी और बच्चे की मौत की सूचना मिलते ही पंकज और उसके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग भी मौके पर पहुंचे और भारी हंगामा किया। स्थिति बिगड़ते देख क्लीनिक संचालिका और नर्स मौके से फरार हो गईं।
सूचना मिलते ही भगवानपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है। वहीं, पीड़ित पति द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि भगवानपुर कस्बा क्षेत्र में बड़ी संख्या में झोलाछाप डॉक्टर सक्रिय हैं, जो लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। लोगों ने यह भी सवाल उठाया कि स्वास्थ्य विभाग इस अवैध गतिविधि पर आंखें क्यों मूंदे बैठा है। यह घटना क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति और प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है।
