थराली तहसील के अंतर्गत सगवाड़ा गांव में देर रात हुए भीषण भूस्खलन में एक मकान मलबे की चपेट में आकर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। गनीमत रही कि घर में मौजूद लोगों ने समय रहते भागकर अपनी जान बचा ली। घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, लेकिन इस आपदा ने क्षेत्र में दहशत का माहौल बना दिया है।
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, बीते कुछ दिनों से लगातार भारी बारिश हो रही है, जिससे पहाड़ियों में दरारें पड़ गई हैं और जगह-जगह भूस्खलन हो रहे हैं। केवल सगवाड़ा ही नहीं, बल्कि पूरा थराली क्षेत्र इस समय प्राकृतिक आपदा के गंभीर खतरे से जूझ रहा है।
थराली-देवाल मोटर मार्ग पर केदारबगड़ के पास एक गधेरे में भारी मलबा आने से सड़क पूरी तरह टूट चुकी है। लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा मौके पर जेसीबी मशीनें भेजी गई हैं और सड़क को फिर से खोलने का कार्य शुरू कर दिया गया है। वहीं, राड़ीबगड़ गांव समेत आस-पास के कई क्षेत्रों में नाले के उफान से भारी नुकसान की खबरें आ रही हैं।
गौरतलब है कि 23 अगस्त को भी थराली क्षेत्र में भारी बारिश और भूस्खलन से एक युवती की जान चली गई थी, जबकि एक व्यक्ति आज भी लापता है। उस समय कई दिनों तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला था और खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायज़ा लिया था।
स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन से आग्रह किया है कि थराली क्षेत्र को आपदा संभावित क्षेत्र घोषित किया जाए और यहां स्थायी सुरक्षा उपाय किए जाएं। लोगों का कहना है कि यदि स्थिति पर शीघ्र नियंत्रण नहीं पाया गया, तो भविष्य में और बड़ी त्रासदियों से इनकार नहीं किया जा सकता।
