उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के ऐतिहासिक घण्टाघर को अब नया रूप मिल गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसके सौंदर्यीकरण, भव्य रूपांतरण और स्वचालित प्रकाश व्यवस्था का विधिवत शुभारंभ किया। इसके साथ ही, महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक और कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री ने चार अत्याधुनिक हिलांस-कम-किचन आउटलेट्स का भी उद्घाटन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, “घण्टाघर देहरादून की पहचान है। इसका नवीनीकरण न केवल पर्यटकों को आकर्षित करेगा, बल्कि स्थानीय लोगों को भी गर्व की अनुभूति कराएगा। यह स्थल अब रात में भी रोशन और जीवंत रहेगा, जिससे शहर की नाइटलाइफ को नया आयाम मिलेगा।”
मुख्यमंत्री के अनुसार, करीब डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से इस धरोहर को नया स्वरूप दिया गया है। यह परियोजना सिर्फ एक निर्माण कार्य नहीं, बल्कि देहरादून को एक आधुनिक और सुंदर शहर के रूप में विकसित करने की दिशा में बड़ा कदम है।
मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर बताया कि देहरादून में चार स्थानों — कलेक्ट्रेट, कोरोनेशन अस्पताल, गुच्चुपानी और आईएसबीटी — पर हिलांस कैंटीनों का लोकार्पण किया गया है। ये कैंटीनें महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा संचालित होंगी और लोगों को सस्ती व गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री उपलब्ध कराएँगी।
“यह पहल महिला आत्मनिर्भरता, स्थानीय उत्पादों के प्रचार और स्वरोजगार को बढ़ावा देगी। हमारा लक्ष्य महिलाओं को सशक्त बनाकर राज्य के विकास में उन्हें सक्रिय भागीदार बनाना है,” मुख्यमंत्री ने कहा। मुख्यमंत्री ने बताया कि देहरादून में बाल भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए भी एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत 3 रेस्क्यू वाहन और एक अंतरविभागीय टीम गठित की गई है जिसमें होमगार्ड, चाइल्ड हेल्पलाइन, शिक्षा, श्रम और पुलिस विभाग के साथ-साथ कई गैर-सरकारी संस्थाएँ शामिल हैं। इस अभियान के पहले चरण में 51 बच्चों को रेस्क्यू कर स्कूलों में दाखिला दिलाया गया, जबकि दूसरे चरण में 31 बच्चों को राजकीय विद्यालयों में प्रवेश मिला है। साथ ही, साधूराम इंटर कॉलेज में डेढ़ करोड़ रुपये से इंटेसिव केयर सेंटर का निर्माण भी किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून को आधुनिक शहर बनाने की दिशा में राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। वर्तमान में शहर में लगभग ₹1400 करोड़ की लागत से विभिन्न विकास कार्य चल रहे हैं।
इनमें प्रमुख हैं:
- 30 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन
- 11 चार्जिंग स्टेशन का निर्माण
- भूमिगत पार्किंग की योजना
- रिस्पना और बिंदाल नदियों पर एलिवेटेड रोड का प्रस्ताव
मुख्यमंत्री ने कहा, “ट्रैफिक और पार्किंग की समस्या के स्थायी समाधान के लिए हम योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य देहरादून को एक स्मार्ट और ग्रीन सिटी के रूप में विकसित करना है।”
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, विधायक खजान दास, कई प्रशासनिक अधिकारी, व्यापारी और बड़ी संख्या में आम नागरिक उपस्थित रहे।
