मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रबंधन, कानून व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाओं और जनसुविधाओं को लेकर सभी जिलाधिकारियों और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जनता की राहत और सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। मुख्यमंत्री आवास में आयोजित इस बैठक में शासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे, जबकि प्रदेश भर के जिलाधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब जब मानसून समाप्ति की ओर है, तो पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी लाना अनिवार्य है। चारधाम यात्रा को फिर से सुचारु रूप से शुरू करने के लिए पुख्ता तैयारियां की जाएं।
🔸 आपदा प्रबंधन को लेकर विशेष निर्देश
- राहत सामग्री और सूखा राशन की पर्याप्त व्यवस्था पहले से रहे।
- आपदा प्रभावितों के ठहरने, भोजन और स्वास्थ्य सुविधाओं का समुचित इंतजाम हो।
- नदी-नालों के किनारे अवैध निर्माण पर सख्ती बरती जाए। नियम तोड़ने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई होगी।
- फसलों और सार्वजनिक संपत्तियों के नुकसान का त्वरित सर्वे कर रिपोर्ट शासन को भेजी जाए।
🔸 स्वास्थ्य सेवाएं हों चुस्त और प्रभावी
- जिलाधिकारी स्वयं अस्पतालों का निरीक्षण करें।
- डेंगू, मलेरिया और जलजनित रोगों से निपटने के लिए सभी जरूरी दवाएं और संसाधन उपलब्ध हों।
- स्वास्थ्य विभाग की आपात बैठकें कर कार्ययोजना तैयार की जाए।
🔸 कानून व्यवस्था पर दो टूक
- बाहरी व्यक्तियों और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जाए।
- सीमावर्ती क्षेत्रों में निगरानी और सघन चेकिंग बढ़ाई जाए।
- फर्जी दस्तावेज बनाने वालों पर नियमित कार्रवाई हो।
- गौवंश संरक्षण के लिए प्रभावी पहल की जाए।
🔸 चारधाम यात्रा और निर्माण कार्य
- बारिश के बाद सड़कों, पुलों और अन्य ढांचों की मरम्मत तेजी से हो।
- स्थानीय श्रमिकों को प्राथमिकता देकर रोजगार भी दिया जाए।
- श्रद्धालुओं को मौसम की सही और समय पर जानकारी मिले।
- स्ट्रीट लाइट्स और अन्य नागरिक सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं।
🔸 सेवा पखवाड़ा और स्वच्छता अभियान
- मुख्यमंत्री ने बताया कि 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक “सेवा पखवाड़ा” मनाया जाएगा।
- इसमें स्वच्छता, सेवा और जनसुविधा पर विशेष जोर रहेगा।
- जिलाधिकारी हर सप्ताह एक दिन स्वच्छता कार्यक्रम में खुद भाग लें।
- गड्ढामुक्त सड़कें बनाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए।
🔸 पारदर्शिता और जवाबदेही की बात
- 1905 सीएम हेल्पलाइन और 1064 भ्रष्टाचार विरोधी अभियान को और मजबूत किया जाए।
- डिजास्टर वालंटियर और मॉक ड्रिल से आपदा प्रबंधन की तैयारियों को परखा जाए।
- प्रमाण पत्रों की भाषा (हिंदी/अंग्रेजी) वही होनी चाहिए, जो नागरिक द्वारा मांगी गई हो।
- नकली दवाओं के कारोबार में शामिल लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री घोषणाओं और योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट 15 दिन के भीतर मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी जाए। साथ ही, ग्राम चौपाल, जनसुनवाई, तहसील दिवस, बहुउद्देशीय शिविरों का नियमित आयोजन हो।
बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगौली, डीजीपी दीपम सेठ, एडीजी ए.पी. अंशुमान, गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, अपर सचिव बंशीधर तिवारी तथा वर्चुअल माध्यम से कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत और सभी जिलाधिकारी शामिल हुए।
मुख्यमंत्री के निर्देश साफ हैं — अब न लापरवाही चलेगी और न ही देरी। आपदा राहत से लेकर जनस्वास्थ्य, कानून व्यवस्था और चारधाम यात्रा तक हर मोर्चे पर सरकार सक्रिय है। जनता को इसका सीधा लाभ मिले, यही सरकार की मंशा है।
