भारत के पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम ने शुक्रवार को रेलवे के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिजोरम की पहली रेल लाइन — बैरबी से सायरंग तक — का लोकार्पण कर राज्य को देश के रेलवे मानचित्र से जोड़ दिया। इसके साथ ही तीन नई ट्रेनों की शुरुआत भी की गई, जिनमें राजधानी एक्सप्रेस भी शामिल है।
इस रेलवे लाइन की कुल लंबाई 51.38 किमी है और इसे तैयार करने में लगभग ₹8,070 करोड़ की लागत आई है। 2008-09 में स्वीकृत हुई इस परियोजना पर 2015 में निर्माण कार्य शुरू हुआ था।
लाइन के निर्माण में 45 सुरंगें, 55 बड़े पुल और 87 छोटे पुल बनाए गए हैं, जो इस प्रोजेक्ट की इंजीनियरिंग जटिलता को दर्शाते हैं।
इस रूट का सबसे आकर्षक पहलू है ब्रिज नंबर 144, जो 114 मीटर ऊंचा है — यह कुतुब मीनार से भी ऊंचा है, और देश का सबसे ऊंचा पियर रेलवे ब्रिज बन गया है
प्रधानमंत्री मोदी ने जिन तीन ट्रेनों को झंडी दिखाकर रवाना किया, वे हैं:
- 20507/20508 सायरंग–आनंद विहार टर्मिनल राजधानी एक्सप्रेस (सप्ताह में 1 दिन)
- सायरंग–गुवाहाटी एक्सप्रेस (रोज़ाना)
- सायरंग–कोलकाता एक्सप्रेस (सप्ताह में 3 दिन)
राजधानी एक्सप्रेस शुक्रवार को शाम 4:30 बजे सायरंग से रवाना होकर गुवाहाटी, न्यू जलपाईगुड़ी, मालदा टाउन, भागलपुर, पटना, प्रयागराज और कानपुर होते हुए रविवार को सुबह 10:50 बजे दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल पहुंचेगी।
वापसी में यह ट्रेन रविवार रात 7:50 बजे दिल्ली से चलेगी और मंगलवार को दोपहर 3:15 बजे सायरंग पहुंचेगी।
रेल संपर्क से मिजोरम में:
- यात्रियों को लंबी दूरी के लिए अब सस्ता और आरामदायक साधन मिलेगा
- पर्यटन को मिलेगा नया जीवन
- व्यापार और माल परिवहन होगा तेज
- स्थानीय लोगों को रोजगार और विकास के नए अवसर मिलेंगे
दिल्ली से अब मिजोरम के लिए भी राजधानी एक्सप्रेस चलने लगी है। इससे पहले डिब्रूगढ़ (दो ट्रेनें) और अगरतला के लिए राजधानी सेवाएँ उपलब्ध थीं।
इस नए कनेक्शन से न केवल भौगोलिक दूरी घटेगी, बल्कि भावनात्मक और सांस्कृतिक एकता भी सुदृढ़ होगी।
