आंध्र प्रदेश/तेलंगाना/ओडिशा/पश्चिम बंगाल। चक्रवात मोंथा के कारण आंध्र प्रदेश और अन्य राज्यों में भारी नुकसान हुआ है। आंध्र प्रदेश में दो और लोगों की मौत हो गई और डेढ़ लाख एकड़ में खड़ी फसल बर्बाद हो गई।
चक्रवात मंगलवार देर रात मछलीपट्टनम तट से टकराने के बाद कमजोर पड़ गया। इससे पहले भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण पेड़ उखड़ गए, मकान ढह गए और सड़कों पर जलभराव हो गया। बिजली और यातायात प्रभावित हुए। मौसम विभाग के अनुसार आंध्र प्रदेश और उत्तरी तटीय क्षेत्रों में अगले दो दिनों तक हल्की से सामान्य बारिश का अनुमान है।
राज्य में राष्ट्रीय और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ और एसडीआरएफ) राहत कार्य में जुटी हैं।
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने प्रभावित जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया और कोनासीमा जिले के गांवों में राहत शिविरों का दौरा किया।
1.8 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। प्रत्येक परिवार को 25 किलो चावल, अन्य आवश्यक वस्तुएं और 3,000 रुपये नकद दिए गए।
जिलों में वारंगल, हनुमाकोंडा, महबूबाबाद, जनगांव, सिद्दीपेट, यदाद्री भुवनगिरी, सूर्यापेट, नलगोंडा, खम्मम, भद्रादि कोठागुडेम, नगरकुरनूल, पेद्दापल्ली और हैदराबाद प्रभावित हुए।
मौसम विभाग ने इन जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया।
नलगोंडा जिले के आवासीय स्कूल में 500 बच्चे और 26 शिक्षक फंसे, जिन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
महबूबाबाद में बाढ़ के कारण कई ट्रेनों को रद्द या मार्ग बदला गया।
ओडिशा के गंजम और गजपति जिलों में समुद्र में ऊंची लहरें और तेज हवाएं (80-100 किमी/घंटा) रहीं। गजपति में 150.5 मिमी बारिश दर्ज की गई। 2,000 से अधिक गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया।
पश्चिम बंगाल में शुक्रवार तक भारी बारिश की संभावना है। दक्षिण 24 परगना, पूरबा और पश्चिम मेदनीपुर, झारग्राम, बीरभूम, मुर्शिदाबाद, पूरबा बर्धमान और पुरुलिया जिलों में भी भारी बारिश की चेतावनी है।
मौसम विभाग की निदेशक मनोरमा मोहंती ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में सतर्कता बरतने की जरूरत है और राहत कार्य लगातार जारी है।
