रियो डी जेनेरियो। ब्राजील के इतिहास में सबसे खतरनाक और घातक पुलिस कार्रवाई मंगलवार को रियो डी जेनेरियो में हुई, जिसमें कम से कम 132 लोगों की मौत हुई। पुलिस ने ड्रग तस्करों के खिलाफ ऑपरेशन में करीब 2,500 कर्मियों को लगाया। रियो राज्य पुलिस ने 119 मौतों की पुष्टि की है, जबकि सरकारी अभियोजकों का कहना है कि कुल 132 लोग मारे गए।
स्थानीय निवासियों ने पुलिस कार्रवाई को नरसंहार बताया। पेन्हा इलाके के लोग रात भर जंगल से दर्जनों शव इकट्ठा कर सड़क पर कतार में रख दिए। कुछ निवासियों ने कहा कि पुलिस ने बिना सोचे-समझे सीधे लोगों को निशाना बनाया।
रियो राज्य के सुरक्षा प्रमुख विक्टर सैंटोस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह ऑपरेशन दो महीने पहले से योजना के तहत किया गया था। उन्होंने कहा कि बढ़ी हुई घातकता अपेक्षित थी, लेकिन इसे जानबूझकर नहीं बढ़ाया गया। उन्होंने इस घटना को अगले सप्ताह रियो में होने वाली संयुक्त राष्ट्र COP30 जलवायु वार्ता से जोड़ने से इनकार किया।
स्थानीय कार्यकर्ता राउल सैंटियागो ने कहा कि मारे गए कई लोगों के सिर के पिछले हिस्से में गोली लगी है, जिससे यह पब्लिक सेफ्टी कार्रवाई नहीं लगती।
ब्राजील के न्याय मंत्री रिकॉर्डो नेवांडोव्स्की ने बताया कि राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा इस कार्रवाई से हैरान हैं और संघीय सरकार की पूर्व जानकारी के बिना ऑपरेशन चलाए जाने से परेशान हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी इस कार्रवाई में इतनी बड़ी मौतों की संख्या पर चिंता जताई। उनके प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि पुलिस कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों के अनुसार होनी चाहिए और अधिकारियों से तत्काल जांच करने का आग्रह किया।
