नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (आरकॉम) से जुड़े बैंक धोखाधड़ी मामले में बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने नवी मुंबई स्थित धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी (डीएकेसी) की 132 एकड़ से अधिक जमीन को जब्त कर लिया है, जिसकी अनुमानित कीमत 4,462.81 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
इस कार्रवाई के साथ मामले में अब तक 7,545 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति ईडी द्वारा कुर्क की जा चुकी है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई है।
ईडी ने बताया कि इससे पहले रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड, रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड और रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड से जुड़ी कुल 3,083 करोड़ रुपये की 42 संपत्तियां जब्त की जा चुकी हैं।
मामले की जांच तब शुरू हुई जब सीबीआई ने आरकॉम, अनिल अंबानी और अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की थी।
जांच में पता चला कि आरकॉम और उसकी सहयोगी कंपनियों ने 2010 से 2012 के बीच 40,185 करोड़ रुपये के लोन लिए थे, जिनमें से कई बैंकों ने बाद में इन्हें ‘फ्रॉड लोन’ घोषित कर दिया। ईडी के अनुसार, कंपनियों ने लोन की राशि का उपयोग दूसरी कंपनियों के कर्ज चुकाने, संबंधित पक्षों को ट्रांसफर करने, और म्यूचुअल फंड में निवेश करने में किया — जो लोन की शर्तों के विरुद्ध था।
एजेंसी ने खुलासा किया कि कंपनियों ने लोन को “एवरग्रीन” दिखाने के लिए 13,600 करोड़ रुपये का डायवर्जन किया, जबकि 12,600 करोड़ रुपये संबंधित कंपनियों को दिए गए और 1,800 करोड़ रुपये फिक्स्ड डिपॉजिट व म्यूचुअल फंड में लगाए गए।
ईडी ने कहा कि वह वित्तीय अपराधों से जुड़ी संपत्तियों को ट्रैक करने और जब्त करने की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रही है ताकि अपराध से अर्जित संपत्ति को उसके सही दावेदारों तक पहुंचाया जा सके।
वहीं, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने बयान जारी कर कहा है कि ईडी ने पीएमएलए के तहत कंपनी की कुछ संपत्तियां अस्थायी रूप से कुर्क की हैं, लेकिन इसका कंपनी के व्यवसाय, शेयरधारकों या कर्मचारियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि अनिल अंबानी पिछले 3.5 साल से अधिक समय से बोर्ड में शामिल नहीं हैं।
