वाशिंगटन, 5 नवंबर: अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के हालिया बयान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ा दी है। ट्रंप ने कहा कि जब अन्य देश परमाणु हथियारों की दौड़ में हैं, तो अमेरिका पीछे क्यों रहे। उन्होंने यह संकेत दिया कि अमेरिका परमाणु परीक्षण फिर से शुरू कर सकता है।
अमेरिका ने आखिरी बार 1992 में परमाणु परीक्षण किया था और उसके बाद टेस्ट मोराटोरियम लागू किया गया। लेकिन ट्रंप के बयान से इस नीति पर अनिश्चितता बढ़ गई है।
विश्लेषकों का कहना है कि यह बयान रूस और चीन द्वारा हाल के हथियार परीक्षणों के बीच आया है। वर्तमान में दुनिया में लगभग 12,500 परमाणु हथियार हैं, जिनमें अमेरिका और रूस के पास सबसे अधिक हैं। भारत, पाकिस्तान और चीन की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।
विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि ट्रंप के इस रवैये से दक्षिण एशिया का परमाणु संतुलन प्रभावित हो सकता है। भारत-चीन-पाकिस्तान त्रिकोण पहले से ही संवेदनशील है, और ट्रंप की अप्रत्याशित शैली इसे और जटिल बना सकती है।
