दस दिन से एक ही कीमत
दरअसल, बुधवार को थोक मंडी में फल सब्जियों की कीमत में बदवाल किया गया है। लेकिन फुटकर विक्रेता पिछले दस दिन से एक ही कीमत पर फल, सब्जियों के दाम ग्राहकों से वसूल रहे हैं। बे मौसमी सब्जी तो छोड़िए, सीजनल सब्जियों की कीमत में भी राहत नहीं है।
थोक मंडी की अपेक्षा फुटकर मंडी में आलू ,मटर की कीमत दो गुना, फूल गोभी, शिमला मिर्च, बीन चार गुना से भी अधिक, टमाटर ढाई गुना, प्याज तीन गुना, सेब चार गुना, अमरूद दो गुना कीमत पर बेचा जा रहा है।
वजह है कि थोक मंडी में कार्रवाई की जिम्मेदारी मंडी परिषद की है। लेकिन मंडी एक्ट के अनुसार फुटकर विक्रेताओं पर मंडी परिषद के नियम कानून लागू नहीं होते हैं। हालांकि फुटकर मंडियों पर रेट लिस्टिंग की जिम्मेदारी प्रशासन की है। कोरोनाकाल के बाद से प्रशासन की ओर से फुटकर विक्रेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिससे फुटकर विक्रेता ग्राहकों को मनमानें दाम पर फल, सब्जियां बेच रहे हैं।
फल, सब्जियों पर प्रति किलो 20 रुपये मुनाफा भी बहुत ज्यादा
मंडी परिषद के अनुसार कोरोनाकाल में प्रशासन की ओर से फुटकर मंडियों पर शिकंजा सकने के लिए कीमत तय करने के लिए रोस्टर तैयार किया गया था। जिसमें आढ़त शुल्क, भाड़ा तय करने के बाद प्रति किलो के हिसाब से 20 रुपये मुनाफा तय किया गया था।
बाकायदा रेट लिस्ट दुकानों के बाहर चस्पा किए गए थे। लेकिन अब फुटकर मंडियों से रेट लिस्ट भी गायब हो गई है। दोबारा से ग्राहकों से मनमानें दाम वसूलने की परंपरा शुरू कर दी है।