राजस्थान के किसान अब पारंपरिक फसलें छोड़कर ड्रैगन फ्रूट की खेती की ओर बढ़ रहे हैं। हीरालाल ने बताया कि इस फसल का एक पौधा 15–20 साल तक फल देता है और बड़े पौधे सालाना 15–20 किलो तक फल उगाते हैं।
ड्रैगन फ्रूट के लिए रेतीली दोमट मिट्टी और 6–7 फीट ऊंचे खंभों का सहारा आवश्यक है। पौधों के बीच 8–10 फीट की दूरी रखकर पर्याप्त धूप और हवा सुनिश्चित की जाती है। सिंचाई कम पानी में भी होती है—गर्मियों में हर 10–12 दिन और सर्दियों में 20–25 दिन में हल्की सिंचाई करना पर्याप्त है।
किसान जैविक खाद और जैविक कीटनाशक का प्रयोग कर मिट्टी की उर्वरता और फल की गुणवत्ता बनाए रख रहे हैं। कीट कम लगने से लागत घटती है और मुनाफा बढ़ता है।
राजस्थान के बाजार में ड्रैगन फ्रूट 500–600 रुपये प्रति किलो बिकता है। सीधे बिक्री और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से किसानों को बिचौलियों का हिस्सा नहीं देना पड़ता, जिससे उनकी कमाई और बढ़ जाती है। कई किसान अब इस फसल से प्रेरणा लेकर पारंपरिक खेती छोड़ चुके हैं।
