कीव, 8 नवंबर 2025: रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष में शुक्रवार रात से शनिवार सुबह तक रूस ने ड्रोन और मिसाइलों से बड़े पैमाने पर हमला किया। इस हमले में यूक्रेन के दो प्रमुख परमाणु ऊर्जा संयंत्रों — खमेलनित्सकी और रिव्ने — को बिजली देने वाले सबस्टेशनों को निशाना बनाया गया।
यूक्रेन के विदेश मंत्री आंद्रेई सिबिहा ने कहा कि ये हमले “गलती से नहीं, बल्कि जानबूझकर” किए गए थे और रूस ने यूरोप में परमाणु सुरक्षा को खतरे में डाल दिया। हमलों में कम से कम सात लोगों की मौत और कई घायल हुए। नीपर शहर में एक ड्रोन के आवासीय भवन पर गिरने से तीन लोगों की मौत हुई, जबकि ज़ापोरिज्जिया में तीन और खार्किव में एक व्यक्ति मारा गया।
प्रधानमंत्री यूलिया स्विरीडेंको ने बताया कि हमलों से कीव, पोल्टावा और खार्किव क्षेत्रों में ऊर्जा अवसंरचना को भारी नुकसान हुआ है। हजारों घरों में बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित हो गई, और पोल्टावा में पानी की आपूर्ति के लिए बिजली जनरेटर का उपयोग किया जा रहा है।
सरकारी ऊर्जा कंपनी त्सेंट्रेनेर्गो ने इसे फरवरी 2022 के युद्ध शुरू होने के बाद से सबसे बड़े हमले के रूप में वर्णित किया। कंपनी ने कहा कि रूस ने एक ही समय में सभी उत्पादन क्षमताओं पर हमला किया, जिससे संयंत्रों में आग लगी और बिजली उत्पादन लगभग शून्य हो गया। त्सेंट्रेनेर्गो यूक्रेन की कुल बिजली का लगभग 8% उत्पादन करती है, जिससे राष्ट्रीय पावर ग्रिड पर भारी असर पड़ा।
आंद्रेई सिबिहा ने अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) से तत्काल बैठक बुलाने की मांग की और चीन और भारत से अपील की कि वे रूस पर दबाव डालें। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे हमले किसी भी समय विनाशकारी परमाणु दुर्घटना का कारण बन सकते हैं।
रूस के रक्षा मंत्रालय ने जवाब में कहा कि यह हमला कीव द्वारा रूस पर ड्रोन हमलों के जवाब में किया गया और इसमें उच्च-सटीक लंबी दूरी के हवाई, जमीनी और समुद्री हथियारों का इस्तेमाल किया गया।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से रूस के ऊर्जा क्षेत्र पर कठोर प्रतिबंध लगाने की अपील की। उन्होंने बताया कि रूस ने केवल एक रात में 450 ड्रोन और 45 मिसाइलें दागीं, जिनमें से यूक्रेनी वायुसेना ने 406 ड्रोन और 9 मिसाइलें मार गिराई, लेकिन 26 मिसाइल और 52 ड्रोन 25 अलग-अलग ठिकानों पर गिर गए।
