भारतीय सेना की मारक क्षमता में इजाफा होने जा रहा है। अमेरिकी विदेश विभाग ने भारत को जैवलिन एंटी-टैंक मिसाइल सिस्टम और एक्सकैलिबर प्रिसिजन-गाइडेड आर्टिलरी प्रोजेक्टाइल्स की संभावित बिक्री के लिए मंजूरी दे दी है। इस सौदे की कुल अनुमानित कीमत लगभग 93 मिलियन डॉलर है।
जैवलिन मिसाइल एक फायर-एंड-फॉरगेट एंटी-टैंक मिसाइल है। यह बख़्तरबंद वाहनों और टैंकों को टॉप-एटैक प्रोफाइल के साथ निशाना बनाने में सक्षम है। इसकी पोर्टेबिलिटी, थर्मल गाइडेंस और उच्च सटीकता इसे युद्धक्षेत्र में अत्यंत प्रभावी बनाती है। भारत में इसके शामिल होने से इंफैंट्री की एंटी-आर्मर क्षमता मजबूत होगी।
एक्सकैलिबर प्रोजेक्टाइल्स GPS-गाइडेड प्रिसिजन स्ट्राइक करने में सक्षम हैं और 40–50 किमी तक मार कर सकते हैं। इनके जरिए न्यूनतम कोलेटरल डैमेज के साथ लॉन्ग-रेंज आर्टिलरी स्ट्राइक की क्षमता बढ़ेगी। यह भारतीय आर्टिलरी सिस्टम, विशेषकर M777 अल्ट्रा-लाइट हॉवित्जर के साथ पूरी तरह संगत हैं।
सामरिक महत्व
- दोनों हथियारों के शामिल होने से भारत की सीमाओं पर रक्षा क्षमता बढ़ेगी।
- आधुनिक युद्ध में सटीक और तेज कार्रवाई की संभावना मजबूत होगी।
- इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सामरिक संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह मंजूरी भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक और रक्षा सहयोग को और मजबूत करने का संकेत है। हालांकि, यह अभी अंतिम अनुबंध नहीं है और इसके लिए औपचारिक समझौता होना बाकी है।
