उत्तराखंड में गर्मी बढ़ने के साथ जंगल की आग की घटनाएं फिर बढ़ने लगी हैं। 24 घंटे के भीतर सात नई घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें कुल नौ हेक्टेयर वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है। फायर सीजन में अब तक कुल 1,075 घटनाओं में 1,451 हेक्टेयर वन क्षेत्र जल चुका है। जबकि पांच लोगों की मृत्यु व चार लोग घायल हुए हैं।
मौसम शुष्क होने के कारण एक बार फिर प्रदेश के जंगलों में आग का खतरा बढ़ गया है। बीते 24 घंटे में मसूरी वन प्रभाग में चार घटनाएं, लैंसडौन वन प्रभाग में दो और तराई पूर्वी वन प्रभाग में एक घटना हुई। वन कर्मी आग को बुझाने में जुटे हैं। दावा किया जा रहा है कि ज्यादातर घटनाओं में आग पर काबू पा लिया गया है।
मौसम के बदले मिजाज से उत्तराखंड को राहत मिली थी
इससे पहले बीते सप्ताहभर पूर्व मौसम के बदले मिजाज से उत्तराखंड को राहत मिली थी। खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में हुई बारिश ने जंगलों की आग बुझा दी थी। मौसम के साथ ही शरारती तत्व भी लगातार वन विभाग की मुश्किलें बढ़ा रहे थे। अब तक इस सीजन में जंगल में आग लगाने पर वन संरक्षण अधिनियम और वन अपराध के तहत 421 मुकदमे दर्ज कराए जा चुके हैं।
वहीं, वन विभाग की ओर से मुख्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। जंगल की आग की सूचना देने के लिए नंबर 18001804141, 01352744558 पर काल कर सकते हैं। साथ ही 9389337488 व 7668304788 पर वाट्सएप के माध्यम से भी जानकारी दे सकते हैं। इसके अलावा राज्य आपदा कंट्रोल रूम देहरादून को भी नंबर 9557444486 और हेल्पलाइन 112 पर आग की घटना की सूचना दी जा सकती है।
प्रदेश में अब तक जंगल की आग की स्थिति
- क्षेत्र, घटना, प्रभावित क्षेत्र
- गढ़वाल क्षेत्र, 410, 518
- कुमाऊं क्षेत्र, 576, 817
- वन्यजीव आरक्षित, 89, 116
- कुल, 1075, 1451
- (प्रभावित क्षेत्र हेक्टेयर में है।)